बाल-विवाह मुक्त करने के लिए संकल्पित होकर करें कामः कलेक्टर

सूरजपुर – बाल विवाह रिपोर्ट होने और आदिवासी क्षेत्र में सबसे ज्यादा विवाह राम नवमी और अक्षय तृतीया के दिन होने के कारण जिले के सभी अधिकारी कर्मचारी उक्त तिथि १७ अप्रैल को राम नवमी और १० मई को अक्षय तृतीया होने से अपने-अपने क्षेत्र को बाल विवाह मुक्त करने हेतु तैयार हो जाये। अपने सूरजपुर को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने हेतु सभी को तैयार रहने के निर्देश कलेक्टर रोहित व्यास ने वी.सी. के माध्यम से दिये। कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक गांव में आंगनबाडी कार्यकर्ता, कोटवार, चौकीदार, सरपंच एवं सचिवों को यह जानकारी रहती ही है कि किस घर में कौन से लड़की का विवाह हो रहा है और किसका उम्र नहीं हुआ है। यदि किसी भी लडकी का उम्र १८ वर्ष से कम या किसी भी लड़के का २१ वर्ष से कम है तो तत्काल उस विवाह को रोकने की कार्यवाही करनी है। कलेक्टर ने प्रत्येक तहसीलदारों को कोटवारों की बैठक लेकर प्रत्येक गांव में मुनादी कराने के निर्देश दिये। सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के सचिवों को निर्देश जारी करें कि वे अपने- अपने ग्राम पंचायतों में विवाह पंजी का संधारण करें और उसमें गांव में होने वाले प्रत्येक विवाह का पंजीयन करें तथा जहां भी बाल विवाह का पता चले तो महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक, सी.डी.पी.ओ. एवं अन्य अधिकारियों को सूचित कर बाल विवाह रोकवाने की कार्यवाही करें। सभी अनुविभागीय अधिकारी एस.डी.एम.को निर्देशित किया गया कि सभी शादी घर वालों, मंगल भवन, पंडित, मौलवी, टेंट वालों, डी जे वालों, फूल वालों सभी समाज प्रमुखों का बैठक लिया जाये और निश्चित किया जाये कि जिसका विवाह होने वाला है उसका उम्र हो चुका है. सभी बी.एम.ओ. अपने क्षेत्र के मितानिनों को भी जागरुक करें और सुनिश्चित हो कि उनके क्षेत्र में बाल विवाह नहीं हो रहे हैं। सभी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया की गांव में निवासरत सभी किशोरी बालिका स्कूल त्यागी ना हो और यदि कोई बालिका स्कूल त्यागी है तो उसका बाल विवाह ना हो क्योंकि जो बच्चे स्कूल नहीं जाते उन्हीं का ज्यादातर विवाह होता है।
एन.आर.एल.एम. के अन्तर्गत गांव-गांव में स्वयं सहायता समूहो का गठन किया गया है। समूह की बहने गांव-गांव काम कर रही है उन्हें भी जागरुक करना है और अपने सूरजपुर को बाल विवाह मुक्त करना है।