एसईसीएल के खिलाफ 11 घंटे तक महिला और बच्चों ने किया चक्का जाम देखें वीडियो

द फाँलो न्यूज

सूरजपुर के डेढ़री इलाके में आखिरकार 11 घंटे के बाद जिला प्रशासन और एसईसीएल के लिखित आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया,, वही अपनी मांगों को लेकर छात्रों ने आंदोलन के दौरान एसईसीएल के अधिकारी को लगभग 2 घंटे तक बंधक बनाकर रखा है सूरजपुर का डेढ़री इलाका, इस इलाके में एसईसीएल की कई खदानें संचालित हैं, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल प्रबंधन कोयले का उत्पादन तो कर रहा है लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के मूलभूत सुविधाओं का ध्यान नहीं दे रहा है, वही कोयले के ट्रांसपोर्टिंग में लगे बड़े वाहनों की वजह से सड़के खराब हो रही हैं और लगातार दुर्घटना में स्थानीय ग्रामीणों की मौत हो रही है,, साथ ही इस इलाके के छात्रों का आरोप है कि उनको स्कूल और कॉलेज जाने के लिए एसईसीएल द्वारा बसे उपलब्ध कराई गई थी जो पिछले कई दिनों से बंद कर दी गई हैं, जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीण और छात्र आज लामबंद होकर सड़क पर उतरे और लगभग 11 घंटे तक चक्काजाम कर एसईसीएल के कोयला उत्पादन को ठप रखा, वही बच्चे इतने आक्रोशित थे कि उनसे मिलने आए एसईसीएल के अधिकारी को उन्होंने लगभग 2 घंटे तक बंधक बनाकर रखा है, जिसके बाद एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा छात्रों को स्कूल कॉलेज जाने के लिए बस उपलब्ध कराए जाने के आश्वासन के बाद छात्रों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया, वही ग्रामीणों ने एससीसीएल और जिला प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया,, हम आपको बता दें इस इलाके के ग्राम में पिछले 11 सालों से लगातार मूलभूत सुविधाओं के लिए आंदोलन कर रहे हैं लेकिन एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा प्रत्येक वर्ष लिखित आश्वासन दिए जाने के बावजूद इनकी मांगे पूरी नहीं हो पाई हैं, जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है और वे आगे चलकर उग्र आंदोलन की बात कह रहे हैं,,एसईसीएल से ग्रामीणों की बात ना बनने की स्थिति में जिला प्रशासन ने मध्यस्थता किया और आश्वासन दिया कि जल्द ही ग्रामीणों की सभी मांगे मान ली जाएंगी, जिला प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद आखिरकार ग्रामीणों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया,!

जिस इलाके में भी कोयला खदान खोला जाता है उस इलाके के स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने की जिम्मेदारी कोल इंडिया की होती है, ऐसी स्थिति में पिछले 11 सालों से इस इलाके के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए आंदोलन कर रहे हैं बावजूद इसके आज तक इन्हें इनका हक नहीं मिल सका है, अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद क्या अब इन ग्रामीणों को उनका हक मिल पाएगा !?

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