अमृत सरोवर के जल संवर्धन से खुलेंगे आजीविका के अनेक द्वार

सूरजपुर/प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2022 के अवसर पर 24 अप्रैल 2022 को मिशन अमृत सरोवर का शुभारंभ किया है। अमृत सरोवर निर्माण में नये सरोवर के निर्माण के अतिरिक्त पूर्व के सरोवरो का पुनरूद्धार, पुनरजीविकरण एवं विस्तार किया जाना है। इसी कड़ी में सूरजपुर में 152 सरोवरों का निर्माण एवं पुनरूद्धार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें 152 अमृत सरोवरो का निर्माण पूर्ण किया गया है। अमृत सरोवरों निर्माण के मुख्य मापदण्ड न्यूनतम जल क्षेत्रफल एक एकड़, गहराई 10 फीट एवं 10 हजार घनलीटर का जलभराव अनिवार्य है। प्रत्येक सरोवर से ग्राम पंचायत स्तर, पंचायत प्रतिनिधि एवं पंचायत स्तर के अधिकारी तथा महिला स्वयं सहायता समूह को जोड़ा गया है। प्रत्येक सरोवरों की मानिटरिंग जिला स्तर एवं राज्य स्तर के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर की जाती है।भू-जल की उपलब्धता सतही एवं भूमिगत स्तर पर बढ़ाने में सरोवरों की भूमिका महत्वपूर्ण है। जिले में सरोवरों के निर्माण एवं जिर्णाेद्धार से मत्स्य पालन एवं सिंचाई के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। सरोवरों से संबंध महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा मत्स्य पालन करने से प्रत्यक्ष लाभ होगा। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान होगा। सरोवरो के मेड़ों पर वृक्षारोपण पीपल, बरगद, नीम आदि के रोपण होने से सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों की सुविधाओं में वृद्धि हुई है। संरचनात्क रूप से जल प्रवेश एवं निकासी हेतु व्यवस्थित इनलेट एवं आउटलेट चैम्बरों का निर्माण किया गया है। तालाब में बाहरी सतही जल से गाद न जमा हो सके इसके लिए सिल्ट चौम्बर का निर्माण किया गया है। सामुदायिक उपयोग हेतु विभिन्न चरणों में निर्मला घाट एवं अन्य निर्माण कार्यों का संपादन होगा। समाजिक समूहों की भागीदारी से विकसित अमृत सरोवरों से जल संरक्षण, संवर्धन के अतिरिक्त मत्स्य पालन, बाड़ी विकास, सिंचाई की अतिरिक्त व्यवस्था होने से सामाजिक सषक्तिकरण की प्रक्रिया और अधिक बढ़ेगी। इसके साथ ही आजीविका अनेक द्वार खुलेंगे।

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