लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत,परिजनों का हंगामा
108 एम्बुलेंस स्टाफ पर भी 800 रुपये लेने का आरोप

सूरजपुर। मातृ वं शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए शासन द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जा रहा है,लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने फिर एक परिवार को उजाड़ दिया। सूरजपुर जिला अस्पताल में इलाज में कोताही बरतने के आरोपों के बीच एक गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और 108 एम्बुलेंस स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं।ग्राम पीढ़ा आमापारा निवासी तिलक राज राजवाड़े की पत्नी रेखा राजवाड़े (24) को 24 सितंबर की रात प्रसव पीड़ा होने पर परिजन जिला अस्पताल सूरजपुर लेकर पहुंचे। आरोप है कि भर्ती करने के बाद न तो डॉक्टर और न ही नर्स ने प्रसूता को देखा। मितानिन सुगंती राजवाड़े ने बताया कि सिर्फ वार्ड ब्वॉय बार-बार ‘जोर लगाते रहो’ कहकर चलता बना। हालात बिगड़ने पर रात 2:30 बजे महिला को अचानक अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।स्वजन का आरोप है कि एम्बुलेंस स्टाफ ने प्रसूता को ले जाने के लिए 800 रुपये वसूले। मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर डॉक्टरों ने 3:30 बजे महिला को मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रसूता और गर्भस्थ शिशु दोनों की मौत की पुष्टि हुई।
मृतिका के ससुर शोभनाथ राजवाड़े ने कहा कि बहू की मौत हो चुकी थी, इसके बावजूद एम्बुलेंस कर्मी पैसे लेने में लगे रहे। मृतिका के भाई गोपाल राजवाड़े ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई और देर होने के कारण बहन की जान चली गई।
यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर रही है।अब देखना होगा कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इसे कितनी गंभीरता से लेता है या फिर यह मामला भी सिर्फ औपचारिक जांच तक सीमित रह जाएगा।