आदिवासी विभाग ने कर्मयोगी अभियान अंतर्गत किया 3 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन

सूरजपुर।आदिवासी विभाग द्वारा धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत संचालित आदि कर्मयोगी अभियान के तहत 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में जिले के मास्टर ट्रेनर द्वारा विकासखंड स्तर पर कर्मचारियों को अभियान से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा सके।

कार्यक्रम में सहायक आयुक्त घनश्याम सिंह सहित आदिवासी विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि एवं जिले के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष सूरजपुर श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि आदिवासी समाज की समस्याओं का चिन्हांकन करते हुए शासकीय योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराना आवश्यक है। उन्होंने प्रशिक्षित कर्मचारियों से कहा कि इस योजना के लाभ से कोई भी आदिवासी जन वंचित न रहे। उन्होंने आदिवासी समाज को समाज का अभिन्न हिस्सा मानते हुए विकास की मुख्यधारा से जोड़ने और बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने पर बल दिया।

कलेक्टर एस. जयवर्धन ने आदि कर्मयोगी अभियान को संबोधित करते हुए कहा कि सभी कर्मयोगियों को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्राम स्तर पर वालंटियर तैयार करना है, जिससे आदिवासी समाज तक योजनाओं का लाभ प्रभावी ढंग से पहुंच सके।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 02 अक्टूबर 2024 को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ किया था। इसके तहत अनुसूचित जनजातियों के विकास एवं कल्याण से जुड़ी प्रमुख योजनाओं की संतृप्ति सुनिश्चित की जा रही है। इसी कड़ी में भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 10 जुलाई 2025 को आदि कर्मयोगी अभियान की शुरुआत की गई, जिसकी परिकल्पना विश्व के सबसे बड़े जनजातीय नेतृत्व आंदोलन के रूप में की गई है। यह अभियान बहु-विभागीय समन्वय एवं सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है।

बैठक में जानकारी दी गई कि जिले के चयनित ग्रामों में आदि सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक सेवा केंद्र में 20 से 25 सदस्य रहेंगे, जिनमें से एक ‘कप्तान’ को नोडल के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इन सदस्यों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, स्व सहायता समूह की महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और आदिवासी समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे। सेवा केंद्रों में विभागीय संपर्क विवरण, योजनाओं की जानकारी, शिकायत निवारण पंजी एवं संयुक्त भ्रमण पंजी की व्यवस्था की जाएगी।

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