सरपंच सचिवों को बाल विवाह मुक्ति हेतु दिया गया प्रशिक्षण

सूरजपुर। भारत सरकार वं राज्य सरकार के बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की संकल्पना को पूरा करने के लिए कलेक्टर एस जयवर्धन के निर्देशानुसार और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू के समन्वय से जिला पंचायत सभा कक्ष में जनपद पंचायत सूरजपुर के समस्त सचिव वं सरपंचों को बाल विवाह मुक्त सूरजपुर के विजन को साकार करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला सह-प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला बाल सरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने सभी सरपंचों एवं सचिवों को बताया कि सभी ग्राम पंचायत में पंचायत स्तरीय बाल सरक्षण समिति का गठन किया गया है, जिसके पदेन अध्यक्ष सरपंच ग्राम पंचायत है और ग्राम पंचायत के सचिव है। इसलिए बाल विवाह रोकने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान सरपंच एवं सचिव का है। छत्तीसगढ़ के राजपत्र में सभी सचिवों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी बनाया गया है। इस नाते भी सचिवों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। राष्ट्रीय फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) -5 के सर्वे में छत्तीसगढ में सबसे ज्यादा बाल विवाह सूरजपुर में 34 प्रतिशत बताया गया है। इस कारण भी हम सभी की जिम्मेदारी बड़ी है। चुकी महिला वं बाल विकास विभाग की मंत्री भी हमारे जिले में आती है और बाल विवाह का प्रकरण महिला वं बाल विकास विभाग से संबन्धित होने से भी हम सबकी जिम्मेदारी बढ जाती है। हम सभी को संकल्प के साथ बाल विवाह रोकना है चूंकी बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं बल्कि यह एक अपराध भी है। हम सभी सकल्प लेकर जायं कि हमारे ग्राम पंचायत में एक भी बाल विवाह नहीं होने देंगे। सभी सचिव पंचायत में उप-रजिस्टार का भी कार्य कर रहे हैं, विवाह पंजीयन की जिम्मेदारी सभी सचिवों की है। पंचायत में होने वाले सभी विवाहों का पंजीयन अनिवार्य करें। सभी का जन्मतिथि सबंधित दस्तावेज प्राप्त करे। जिससे आपके पंचायत में होने वाले बाल विवाह की जानकारी आपको प्राप्त हो जायेगी। राज्य बाल संरक्षण समिति द्वारा बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए इस वर्ष 40 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को बाल विवाह मुक्त का लक्ष्य दिया गया है। जहां भी बाल विवाह नहीं हो रहे हैं या नहीं होने की संभावना है उस ग्राम पंचायतों का प्रस्ताव ग्राम सभा का प्रस्ताव जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा अनुमोदन करना है। जिस जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं कलेक्टर से अनुमोदन के पश्चात राज्य में भेजना है। उस समस्त ग्राम पंचायतो को 8 मार्च अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन सम्मानित कराने को योजना है। बाल विवाह एक ऐसा अपराध है जिससे कल विवाह कराने वाले को एक लाख रूपये जुर्माना और दो वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। जिला बाल सरक्षण अधिकारी ने रामस्त सचिवों वं सरपच से आह्वाहन किया है कि बाल विवाह मुक्त सूरजपुर बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ बाल विवाह मुक्त भारत बनाना है सभी सचिवों वं सरपचो का बाल विवाह मुक्त सूरजपुर की शपथ दिलाई गई।कार्यशाला सह-प्रशिक्षण में जिला पंचायत से मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू, जिला बाल संरक्षण इकाई से डीसीपीओ मनोज जायसवाल आउटरीच वर्कर पवन धीवर यूनिसेफ से समन्वयक नितेश निर्मलकर एवं चाईल्ड लाइन से समन्वयक जनार्दन यादव, टीम मेंबर रमेश साहू वं प्रकाश राजवाडे उपस्थित थे।

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