जिला अस्पताल के पीछे के गेट से बंदी हुआ फरार।

कोरिया। कोरिया के बैकुण्ठपुर स्थित जिला अस्पताल में कल रात जिला जेल से लाया गया,और आज विचाराधीन बंदी दोपहर 4 बजकर 30 मिनट पर फरार हो गया,जिसके बाद उसकी सुरक्षा में तैनात ल सिपाही हाथ मलते रह गए, वही विचाराधीन बंदी के फरार होने के बाद उसकी खोजबीन तेज हो गई है। इस संबंध में जिला अस्पताल के सीएस डॉ राजेन्द्र बंसरिया ने बताया कि बंदी सीने के जलन की शिकायत पर जिला अस्पताल में भर्ती था,उसकी सुरक्षा के लिए जवान भी तैनात थे मौका देखकर वो फरार हो गया है। ऐसी जानकारी मेरे को भी मिली है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में दुर्गेश नामक बंदी को कल शाम 4.30 बजे सीने में दर्द की शिकायत पर लाया गया था, ठीक 24 घंटे बाद आज दोपहर 4. 30 पर वो वार्ड से रफूचक्कर हो गया,बेड पर दोनो हाथ की हथकड़ी पड़ी हुई पाई गई। वही भागे विचारधीन बंदी की खोजबीन तेज हो गई है। नाटक कर रहा था रात में अस्पताल के कर्मचारियों की माने तो कल शाम को लाए उस कैदी ने खूब नाटक किया,ऐसा लगा कि उसकी हालत एकदम बिगड़ गई है पर जैसे ही उसे एडमिड कर दिया गया रात में एकदम चंगा होकर मस्ती करते नज़र आया और सिपाहियों से एकदम मिलजुल गया। एक सवाल औऱ खड़ा हो रहा है कि जब ईसीजी में सब कुछ ठीक ठाक आया तो बंदी को रात में ही जेल वापस दाखिल क्यों नही किया? दूसरा बड़ा सवाल यह है कि जेल प्रशासन ने पुलिस से बल क्यों नही लिया? होटल चले इसलिए खोल दिया है पीछे का गेट जिला अस्पताल में पीछे को गेट के खुले रहने को लेकर जमकर राजनीति होती रहती है, पूर्व में एक अधिकारी इस गेट से आने की जिद करता रहा और गेट को खुले रखना पड़ता था, चूंकि यह रास्ता सूनसान रहता है और अब पीछे के गेट के बगल से एक होटल है उसका व्यवसाय मंदा न पड़ जाए, सूत्र बताते है इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन को नेता जी के कड़े निर्देश है, जिसके कारण प्रबंधन पीछे के गेट को खोले रखता है, इस गेट से भागने के पूर्व बंदी ने रेकी कर रखी थी और मौका देखकर पीछे के गेट से फरार हो गया है।

चारो ओर पहरा अब देखना है कब पकड़ता है बंदी

आचार संहिता लगी हुई है पुलिस कमर कस कर आम जनता की चेकिंग कर रही है, दिनरात पुलिस चेकिंग में कोई कसर नही छोड़ रही है और बताया जा रहा है अब तक पुलिस ने चेकिंग के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए गए है,अब देखना है कि फरार हुआ बंदी कितनी जल्दी पकड़ में आता है क्योंकि सभी रास्तों पर पुलिस की कड़ी नजर बनी हुई है।

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