स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत…

एक बार फिर कड़वे सच के रूप में सामने आई है...?

सूरजपुर भटगांव के स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत एक बार फिर कड़वे सच के रूप में सामने आई है, सूरजपुर ज़िले के भटगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही की हद उस समय देखी गई,जब एक गर्भवती महिला को बिना किसी चिकित्सकीय देखरेख के अस्पताल के फर्श पर बच्चे को जन्म देना पड़ा, दर्द से कराहती महिला पांच घंटे तक अस्पताल परिसर में पड़ी रही,लेकिन वहां न कोई डॉक्टर मिला और न ही कोई नर्स,पांच घंटे तक दर्द से तड़पती रही,फिर अस्पताल के फर्श पर ही उसने नवजात को जन्म दिया,घटना के करीब पांच घंटे बाद एक डॉक्टर अस्पताल पहुंचे, जिन्होंने मात्र औपचारिकता निभाते हुए मां-बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली,इस अमानवीय रवैये ने पूरे स्वास्थ्य तंत्र को कठघरे में खड़ा कर दिया है।लेकिन सबसे शर्मनाक पहलू यह है कि इन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का दर्जा प्राप्त है और पूरा मामला राज्य की महिला वं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के विधानसभा क्षेत्र का है।जिससे क्षेत्र में मातृ और शिशु स्वास्थ्य की जिम्मेदारी

मंत्री के कंधों पर है,वहां इस तरह की घटना का घटित होना कई सवाल खड़े करता है।हालाकि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।

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