बच्ची को मरने के लिए झाड़ियों में फेंका,लेकिन बच गई जान लोग बोले-जाको राखे साईंया मार सके ना कोय..

द फाँलो न्यूज

सूरजपुर – प्रतापपुर मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां रविवार की रात को झाड़ियों में किसी ने जन्म के बाद बच्ची को छोड़ भाग गया सोमवार की एकदम सुबह बगल के घर की महिला तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया। मिली जानकारी के अनुसार नगर के वार्ड नंबर दस निवासी प्रतिमा कश्यप सुबह चार बजे करीब घर से निकली तो उन्हें बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। इधर उधर देखने के बाद उन्हें घर के पास ही पुट्स झाड़ी में छोटी सी बच्ची दिखी। बच्ची को इस तरह झाड़ियों में देख उनके होश उड़ गए, पास जाकर देखा तो बच्ची के शरीर पर चीटियां चल रहीं थीं। बिना देर किए उन्होंने बच्ची को उठाया और चीटियां साफ की। इसके बाद उन्होंने अगल बगल के लोगों को बुलाया और फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया जहां बच्ची का इलाज शुरू हुआ, पूरे शरीर में चिटियों के काटने के कारण लाल निशान थे। बताया जा रहा है कि बच्ची जन्म रविवार को ही हुआ है और उसे मरने के लिए किसने छोड़ा कुछ पता नहीं चला। हॉस्पिटल द्वारा जानकारी के बाद प्रतापपुर पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है। देर शाम तक में इलाज के बाद बेहतर इलाज और निगरानी के बाद बच्ची को जिला चिकित्सालय सूरजपुर भेज दिया गया, अभी तक बच्ची स्वस्थ्य ठीक बताया जा रहा है वहां से उसे चाइल्ड केयर में रखा जाएगा। बरहाल मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना को लेकर नगर में चर्चा है, दूसरी तरफ जहां एक मां ने अपने ही बच्चे को मरने के लिए फेंक दिया वहीं प्रतिमा कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्ची के गले में दो बार पतला कपड़ा लपेटा हुआ था जैसे उसका गला दबाने का प्रयास किया गया हो। हो सकता है उनकी हिम्मत नई हुई हो तो झाड़ियों में फेंककर चले गए। प्रतिमा की बेटी चांदनी रखना चाहती है बच्ची को.जिस प्रतिमा कश्यप ने बच्ची को सुरक्षित हॉस्पिटल तक पहुंचाया, उसी की बेटी चांदनी बच्ची को गोद लेना चाहती है। दोनों मां बेटी सुबह से ही बच्ची को सेवा खुद की बेटी की तरह हॉस्पिटल में करते दिखे, इतना ही नहीं जब शाम को बच्ची को जिला चिकित्सालय सूरजपुर रिफर किया गया तब भी वे एंबुलेंस में बच्ची के साथ ही गए। हालांकि अभी तय नहीं है कि बच्ची उन्हें गोद मिलेगी कि नहीं क्योंकि इसके लिए पूरी कानूनी प्रक्रिया है।

हॉस्पिटल में मौजूद स्टाफ नर्स प्रेमलता राजवाड़े, बबली साहू, आरएमए राधेश्याम राजवाड़े ने एनबीएसयू में रख जरूरी देखभाल शुरू की। थोड़ी देर बाद सीनियर स्टाफ नर्स सुनीता श्रेष्ठ पहुंची और उनकी निगरानी में फिर चांदनी सिंह ने बच्ची की देखभाल शुरू की और दिन भर इनकी निगरानी में बच्ची रही। वहीं बच्ची का इलाज डॉक्टर विकास गुप्ता ने किया।

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