बालिका अपने अभिभावक के साथ करती थी भिक्षावृत्ति, स्पाॅन्सर्षिप का लाभ मिलने से नियमित जुड़ी शिक्षा से

सूरजपुर, सड़क पर अपने अभिभावक के साथ भिक्षावृत्ति करते बालिका को देखकर किसी ने 1098 में फोन किया और उन्हें बचाने हेतु कहा। 1098 पर पंजीयन होते ही इसकी जानकरी चाईल्ड लाईन सूरजपुर के द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देषानुसार संयुक्त टीम का गठन तत्काल किया गया और बालिका को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति सूरजपुर में प्रस्तुत किया गया। जहाँ बालिका की काउंसलिंग की गई और साथ उनके अभिभावकों का कथन लिया गया। कथन पता चला कि परिवार अत्यंत गरीब है। गरीबी के कारण बालिका नियमित शिक्षा से वंचित है। कभी स्कूल जाती है, कभी नहीं जाती और कभी अपने अभिभावकों के साथ भिक्षावृत्ति करने चली जाती है। उक्त घटना नवंबर 2021 की है। फरवरी 2022 में छत्तीसगढ़ में प्रवर्तकता (स्पाॅन्सर्षिप) योजना को लान्च किया गया। जिसमें सड़क की परिस्थिति में रहने वाले बच्चे, पी.एम. केयरर्स के बच्चे एवं एकल एवं दोनों अभिभावक को खोए हुए अत्यंत गरीब प्रत्येक बच्चे को प्रतिमाह 2000 देने का प्रावधान था। पहले बैठक में ही उपरोक्त बालिका को इस हेतु चिन्हांकित किया गया। अप्रैल 2022 से बालिका को खाते में 2000 मिलना प्रारंभ हो गया साथ ही उसके अभिभावकांे को समझाईस दी गई कि यदि बच्ची षिक्षा से वंचित हुई तो उक्त लाभ देना बंद कर दिया जायेगा। परिणामतः बच्ची रेगुलर स्कूल जाना प्रारंभ कर दी अब उसे पढ़ने में मजा आने लगा हैै। प्रवर्तकता (स्पाॅन्सर्षिप) योजना को मिषन वात्सल्य में परिवर्तित कर प्रतिमाह 4000 किया गया। जिसका लाभ उक्त बालिका को जनवरी 2023 से मिलना प्रारंभ हो गया। अब बालिका आगे पढ़ाई कर पांचवी के बाद नवोदय में चयनित होने की इच्छा प्रकट कर रही है। उसके अभिभावक भी अब बच्ची को हमेषा पढ़ाने की बाल कर रहे हैं। उपरोक्त योजना से बालिका के सामाजिक स्तर एवं शिक्षा में सुधार हुआ है। उसके रहन सहन में बदलाव आया है।

जिला सूरजपुर में गरीब या एकल माता-पिता के बच्चे या अनाथ बच्चों को षिक्षा से जोड़े रहने के लिए प्रवर्तकता (स्पाॅन्सर्षिप) अन्तर्गत लाभांवित किया जा रहा है। अभी तक जिले में 26 ऐसे बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है।

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