नल तो है पर जल नही आता जल जीवन मशीन नाकाम

सूरजपूर,प्रतापपुर/ ग्राम पंचायत खोरमा के कैराडांड गांव के लिए तो ‘हर घर नल, लेकिन नहीं है जल’ का नारा सही साबित हो रहा है। नगर पंचायत प्रतापपुर से सटे इस गांव के लगभग सभी बाशिंदे एक दशक से पानी कुंआ ढोढी से पीने मजबूर हैं। यहां जल जीवन मिशन के तहत ग्राम खैरा गांव में वर्ष 2020 21 में जल जीवन मिशन के तहत 1200 वांट मॉड्यूल 9 मीटर स्टेजिंग 10000 लीटर टंकी सहीत घरों में नल फिटिंग का कार्य 10 रुपए के लागत से कराया गया था योजना लगने के बाद 1 सप्ताह तक 2 – 4 घरों में पानी आया लेकिन उसके बाद पानी आना बंद हो गया ग्रामीणों की मानें तो कई बार विभाग के लोगों को शिकायत कर चुके हैं।

लेकिन कोई सुनने नहीं आता है इस तरह से सरकार में बैठे अधिकारी कर्मचारी आमजन तक पहुंचने वाले योजनाओं को किस तरह बंदरबांट करते हैं जिसका उदाहरण में गाँव बना यह योजना है ग्रामीणों की मानें तो उनके द्वारा टोल फ्री नंबर में भी कॉल कर समस्या से अवगत कराया गया था लेकिन उधर से जवाब आया कि तत्काल काम हो जाएगा पर 2 माह बीत जाने के बाद भी एक शख्स गांव नहीं पहुंच पाया जिससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि सरकारी योजनाओं की धरातल पर क्या स्थिति है

जल जीवन मिशन फेल होने का सबसे बड़ा कारण जल उपलब्धता नहीं

जल जीवन मिशन के तहत सूरजपुर जिले सहित प्रतापपुर विकासखंड के विभिन्न ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के तहत टंकी निर्माण पाइपलाइन सप्लाई कार्य व्यापक पैमाने में चल रहा है लेकिन जिन जगहों पर पाइप लाइन विस्तार व टंकी निर्माण का कार्य हो रहा है वहां जल उपलब्धता है या नहीं इसकी जांच तक नहीं की गई है बिना जल उपलब्धता के लाखों करोड़ों रुपए के राशि का इस तरह से बंदरबांट होना भी एक प्रश्न को पैदा करता है लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पूर्व में इस तरह के कई योजनाओं पर लाखों रुपए फूंक दिए गए हैं लेकिन नतीजा ग्रामीणों को पानी तक मयस्सर नहीं हो पाया है उसके बाद भी इस तरह शासन के पैसे का बंदरबांट होना समझ से परे है

अधिकारी कर्मचारी रहते हैं नदारद

कहने को तो हर जनपद मुख्यालय में ब्लॉक स्तर के अधिकारी कर्मचारियों को मुख्यालय में निवास करने का आदेश पूर्व के कलेक्टरों द्वारा जारी किया गया है लेकिन प्रतापपुर ब्लॉक मुख्यालय में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी कर्मचारी ब्लॉक मुख्यालय में निवास नहीं रहते हैं बल्कि नियमों को तोड़कर रोज सरगुजा संभाग मुख्यालय चले जाते हैं जिससे पता लगाया जा सकता है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की योजनाएं किस तरह से संचालित हो रही है

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