सूरजपूर,।शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने खीरा और तरबूज बेचकर कमाए 68000 रुपये,गौठानों से बढ़ रही महिलाओं की आय

सूरजपुर,।माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासनभूपेश बघेल की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी एवं गोधन न्याय योजना का संचालन कलेक्टर संजय अग्रवाल तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी लीना कोसम के मार्गदर्शन में संचालन किया जा रहा है। विकासखंड रामानुजनगर के ग्राम पस्ता गौठान में मल्टीएक्टीविटी अंतर्गत वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, बाड़ी विकास तथा मुर्गीपालन का कार्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। अभी तक ज्योति महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा 55910 कि.ग्रा. वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया गया हैै। तथा 48380 कि.ग्रा. वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय हुआ।
जिससे रूपये 158203.00 का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ है। बाड़ी विकास से अभी तक रूपये 162500 की सब्जी विक्रय किया गया है। मुर्गी पालन से रूपये 26500 का लाभ समूह को हुआ है। शासन की महत्वकांक्षी योजना से महिलाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है, जिससे महिलाएं अपने परिवार की आय बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पिछले वर्ष माननीय मुख्यमंत्री जी ग्राम पंचायत सुमेरपुर में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आये थे तब ग्राम पस्ता- गौठान में कार्यरत महिला श्रीमती जगेश्वरी से गौठान की जानकारी लेकर उनकी प्रशंसा भी किये।
बाड़ी विकास से शिव शक्ति महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने खीरा और तरबूज तथा अन्य सब्जी बेचकर कमाए 68000 रुपये, अब हल्दी और मक्का लगाने की हो रही तैयारी। छत्तीसगढ़ शासन की सुराजी ग्राम योजना अंतर्गत गांव- गांव में नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी का विकास किया जा रहा है। गौठानों के निर्माण के साथ-साथ बाड़ी का विकास भी किया जा रहा है। जिले के ओड़गी विकासखंड के ग्राम चपदा गौठान से लगे बाड़ी में शिव शक्ति महिला स्वयं सहायता समूह के द्वारा खीरा तथा तरबूज उगाकर 68000 से अधिक की आमदनी की गई है। समूह की दीदीयों के द्वारा फरवरी माह में खीरा, तरबूज, लौकी, करेला तथा बरबट्टी लगाया गया था।
अप्रैल तथा मई माह तक लगभग 25 क्विंटल खीरा तथा 30 क्विंटल तरबूज, लौकी 07 क्विंटल, बरबट्टी 2 क्विंटल तथा करेला 03 क्विंटल फसल उत्पादन किया गया। उत्पादित हरी सब्जियों को कुदरगढ़, ओड़गी तथा उंचडीह के बाजार में बेचा गया। इससे समूह के परिवार की आय में वृद्धि हो रही है, आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
गौठानों में किए जा रहे विविध आजीविका गतिविधियों से दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ साथ बच्चों की पढ़ाई लिखाई में मददगार साबित हो रहा है।