सूरजपूर:आदिवासी मछुआ समिति धनेशपुर ने मछली विक्रय कर कमाये 136000 रुपये

सूरजपुर:आदिवासी मछुआ सहकारी समिति मर्यादित धनेशपुर द्वारा ग्राम पंचायत धनेशपुर विकासखण्ड रामानुजनगर में स्थित बांध जिसका औसत जलक्षेत्र 5.48 हेक्टेयर है, को 10 वर्षीय पट्टे पर लेकर पिछले 03 वर्षों से विभाग के मार्गदर्शन में मछली पालन का कार्य कर रहे हैं। बांध में वर्ष 2021-22 में समिति द्वारा 40 कि.ग्रा. मछली बीज क्रय कर संचयन किया गया था। जिससे माह 10 जून 2023 तक 8.00 क्विंटल मछली का उत्पादन प्राप्त हुआ। जिसके विक्रय से राशि रू. 1,36,000 की आमदनी समिति को प्राप्त हुई है। मछली पालन केसीसी के माध्यम से भी समिति को आर्थिक सहायता प्राप्त हुई थी। मछली पालन करने के लिये समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया है, एवं मत्स्याखेट हेतु पर्याप्त जाल एवं विक्रय हेतु आईस बाक्स भी निशुल्क उपलब्ध कराया गया है।
इसके लिये समिति के अध्यक्ष भरत सिंह ने जिला प्रशासन सूरजपुर एवं मछली पालन विभाग को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने एवं सहयोग हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया है।
जिले में 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्याखेट पूर्णतः बंद
सूरजपुर:सहायक संचालक मछली पालन से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुए। उन्हें संरक्षण देने हेतु राज्य में छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा-3, उपधारा-2 के तहत् 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को क्लोजसीजन के रूप में घोषित किया गया है।छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त नदियों-नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों में जिन पर सिंचाई के तालाब जलाशय (बड़े या छोटे) जो निर्मित किये गये हैं, में किये जा रहे केज कल्चर के अतिरिक्त सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून 2023 से 15 अगस्त 2023 तक पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के नियम 3 (5) के अन्तर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा 10,000 रूपये का जुर्माना अथवा दोनो एक साथ होने का प्रावधान है। उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी नालों से नहीं है, में लागू नहीं होंगे।