सूरजपूर,अजीब बंदोबस्त व त्रूटी सुधार का खेल दशकों पूर्व बिक्री हुई भूमि पर काबिज परिवारों को भूमाफियाओं व राजस्व कर्मियों कि गठजोड़ से किया हलकान@.!

कलेक्टर साहब मातहतों द्वारा भूमि संबंधी विवादों में कार्यशैली संदिग्ध, दोनों पक्षों ने लगाई न्याय कि गुहार बहुचर्चित ग्राम पंचायत दूरती में कथित फर्जीवाड़ा कर भूमि खरीदी बिक्री से जुड़ा हुआ

विक्की तिवारी सूरजपूर

सूरजपुर 05 जून (विक्की तिवारी)। भूमाफियाओं व चंद राजस्व कर्मियों कि मिली भगत से अंधेरे नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा वाली कहावत बीते एक अरसे से सरगुजा संभाग के जिलों में खुलकर सामने आई है। यकिन नहीं तो बहुचर्चित सरगुजा जिले में जिला प्रशासन द्वारा दर्ज कराएं गए बतौली व मैनपाट विकासखण्ड से जुड़ी हाई प्रोफाइल मामला हों या फिर सूरजपुर जिले में राजस्व कर्मियों कि मिली भगत से अवैध भूमि खरीदी बिक्री के बाद तिलसिवा गांव में उपजे जनाक्रोश व तोड़फोड़ का मामला हों।ऐसे आलम में न्याय कि गुहार लेकर हर हफ्ते औसतन एक ना एक मामला शिकायत से लेकर भू अभिलेख दफ्तर होते हुए राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों व उसपर होने वाले अनावश्यक खर्च का बोझ झेलने की जद्दोजहद करता शांत वादियों में रहने वाला ग्रामीण परिवारों के समक्ष दशकों तों कही पीढ़ियों से जिस भूमि पर स्थानीय परिवेश व संस्कृति अनुसार एक दूसरे से घर व खेती के लिए जमीन लेकर रजिस्ट्री जानकारी अनुसार कराने के बाद भी त्रुटि सुधार, बंदोबस्त सुधार जैसे तमाम तकनीकी जानकारी से पिछड़ेपन का शिकार से उभरता सरगुजा संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में गांव गांव में फैले सफेदपोश भूमाफियाओं समूह व चंद लोगों कि वजह से संगठित अपराध से लेकर हत्या मारपीट सहित दबंगों द्वारा पीढ़ियों से रहने वाले घर व मकान से बेदखल होने का डर व दहशत एक गंभीर मामला बतौर उभरने के वावजूद भी जिला प्रशासन के मुखिया बतौर वर्तमान में सूरजपुर जिले के कलेक्टर व उनके मातहत कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों कि कारगुजारी समाचार पत्रों में सुर्खियों में शामिल होने के

वावजूद भी खामोशी के मंजर में अपनी कारस्तानी बेपर्दा होकर जग जाहिर होने से रोकने में ऐड़ी चोटी का मशक्कत कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इन गतिविधियों से प्रभावित परिवारों के समक्ष मजबूरन पुलिस थानों में अपनी फरियाद लेकर पहुंचने पर दस्तावेजों कि मांग से लेकर तमाम प्रक्रिया को जानबूझकर जाटिल करने से अपने दायित्वों पर सजग सक्रिय पुलिस से लेकर राजस्व सहित अन्य महकमों में पदस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल प्रभावित कर हकीकत एक कोने में लाचर अवस्था में जस कि तस खोज खबर के अभाव में हर दिन तहसील से लेकर थानों का चक्कर फरियादीयों द्वारा लगाने का दौर खुले आंखों से देखकर व बढ़ते आंकड़े हकीकत जाहिर करते जरूर है। इसके बाद भी हकीकत खुद को साबित करने में वर्षों तक गाढी मेहनत से जमा-पूंजी दर दर ठोकर खाकर बर्बाद कर रहा है।

विधानसभा चुनाव 2019 जनादेश में असरकारक मुद्दा लेकिन पक्ष विपक्ष कि खामोशी

बहरहाल इस अहम मुद्दे पर पक्ष में वर्तमान सत्ताधारी कांग्रेस हों या विपक्षी दल बतौर भाजपा सहित स्थानीय स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने कि जद्दोजहद करती विधानसभा चुनाव 2019 में शेष बचे समयावधि में पूरे दमखम से गंभीर विषय पर चर्चा व परेशान आमजन कि नब्ज टटोलने के बाद भी बेशुमार पैसे व सफेदपोश राजनीतिक रसूखदारों ही समस्या कि जड़ में होने से आगामी विधानसभा चुनाव के जनादेश में लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रायगढ़ से लेकर सरगुजा में हुएं आस्था का केंद्र मर्यादा पुरुषोत्तम भांचा प्रभू श्री राम के ननिहाल बतौर राम वनगमन से लेकर आयोजनों में राम राज्य व सशक्त गांव व ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्तिकरण से जुड़े उनके मेहनत व कुशल नेतृत्व से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ राज्य की पहचान दर्ज होने के वावजूद दीमक की तरह सिस्टम में पड़े चंद कर्मियों कि कारगुजारी से क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने में कड़ी चुनौती बतौर दस्तक देने के वावजूद अहम मसलें पर गंभीरता बरतने कि जगह खामोश भरा अंदाज सर्वाधिक तौर पर आबादी जों गांव में रहकर कृषि जैसे कार्यों से अबतक गुजारा कर आमदनी से सुनहरा भविष्य अपना व नौनिहालों का सपना चकनाचूर करने के साथ ही लगातार न्याय के लिए दर दर भटकने के बाद भी न्याय व सच्चाई को साबित करने में ऐड़ी चोटी व गाढी कमाई बर्बादी होने के दर्द से उनके मन में सरकार के प्रति छवि कैसी रहेगी और मतदान के दरम्यान ऐसे गंभीर मुद्दे के बीच जद्दोजहद करता उसके हालात जनादेश बतौर मतदान किसके पक्ष में करेगी यह गंभीर सवाल खड़े होकर जवाब कि तलाश में पड़ा हुआ है।

हूजूर मौके पर जमीन ही नहीं आंकड़ों में दिखाकर कथित भूमि खरीदी बिक्री में शिकायत दर्ज होने के बाद भी खामोशी का मंजर बरकरार

आपकों चंद अवसरवादी अधिकारियों व कर्मचारियों से भू-माफिया के गठजोड़ का खुला प्रमाण तिलसिवा में सामने आने के बाद प्रतापपुर विकासखण्ड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत दूरती में कथित रूप से भूमि पर दशकों से काबिज फर्जी रजिस्ट्री कर बिक्री व संशोधन यानी भू स्वामी अभिलेखों में गांव के आसपास नहीं वरन पड़ोसी जिले के दो व्यक्तियों को कथित तौर बिक्री होकर नाम दर्शाने पर पीड़ित दिनेश गुप्ता आ. रमाशंकर गुप्ता व शंभू गुप्ता ने अपनी जमीन को फर्जी रूप से रजिस्ट्री करा लेने की शिकायत लेकर फरियाद दर्ज कराया , जिसमें गांव के ही रहने वाले परमेश्वर गुप्ता एवं सत्यदेव गुप्ता दोनों के पिता स्वर्गीय गंगा प्रसाद है ‌। दोनों के द्वारा गांव में कुछ प्रभावशाली लोगों व संदिग्ध तौर पर हल्का पटवारी,आरआई व नायब तहसीलदार जरही पर मिलीभगत से अंबिकापुर निवासी दों लोगों के नाम से रजिस्ट्री कर दी गई है। वहीं दूसरी तरफ मामले पर समाचार पत्रों कि खुर्खियां बटोरने पर जिला मुख्यालय पहुंचकर खुद को बेकसूर बताते हुए अपना पक्ष रखकर शिकायत दर्ज कराई है।

बहरहाल मामले पर सप्ताह भर से अधिक समय गुजरने के वावजूद राजस्व कर्मियों कि हड़ताल का बहाना और मौके पर दोनों पक्षों द्वारा दर्ज कराएं गए शिकायत पर नियमानुसार जांच से जुड़ी शुरूआती दौर अनुसार कछुआ चाल में होने और मामले पर सुत्रों कि माने तो राजनीतिक रसूखदारों कि मौजूदगी व संगठित भूमाफियाओं का समूह सक्रिय होकर तमाम कोरमपूर्ती से जुड़े दस्तावेजों को प्रस्तुत कर जांच शुरू होने से पहले ही जाटिल करने में जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन व पुलिस दोनों मामले पर शिकायत दर्ज कर अलग अलग बहाने से दोनों पक्षों के बीच परस्पर समाधान कराने कि जगह खामोशी से

सूरजपुर जिले के कथित तौर खरीददार और पूरी प्रक्रिया पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल व सरकार के सख्त निर्देश का माखौल उड़ाते हुए विवाद जब तक आपराधिक मामलों में तब्दील नहीं हों तबतक इंतजार कि मुद्रा में प्रतित हो रहा है। शेष मामले पर जिला प्रशासन का पक्ष ज्ञात नहीं हो पाया है
शेष क्रमशः

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