सूरजपुर।काम के बहाने नाबालिगों को कर्नाटक ले जाकर दी गई प्रताड़ना

नाबालिक बच्चों के मानव तस्करी को लेकर,पुलिस लापरवाही नजर आ रही है।
सूरजपुर । नाबालिक बच्चों के मानव तस्करी को लेकर सूरजपुर पुलिस लापरवाही नजर आ रही है। अनुसूचित जनजाति के नाबालिगों को काम दिलाने के नाम पर अलग प्रदेश कर्नाटक ले जाकर छोड़ देने व मारपीट करने का मामला पुलिस थाने में जाने के बाद भी अपराध दर्ज नहीं हुआ है।
दरअसल पूरा मामला सूरजपुर जिले के अंतर्गत विकासखंड प्रेमनगर के ग्राम केदारपुर के धनुहार कसियारी बस्ती का है। यहां के 5 नाबालिग रोजगार की तलाश में थे, ताकि घर की माली हालत ठीक हो जाये और घर में जरूरत का समान उपलब्ध हो। इसी बीच कोरबा जिले के एक व्यक्ति द्वारा बोर मशीन में कार्य कराने के नाम पर पांचों नाबालिगको बहला फुसलाकर कर्नाटक राज्य 1 माह पूर्व ले जाया गया।
यहां बच्चों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया। साथ ही 1 माह की मिलने वाली तनख्वाह नहीं दी गई। नाबालिग जंगलों में भटक रहे थे, फिर मोबाइल के माध्यम से परिजनों को सूचना दी। परिजनों ने स्थानीय नेताओं के मदद से प्रेम नगर पुलिस के समक्ष गुहार लगाई। साथ ही इसकी सूचना महिला बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी को दी।
कार्यक्रम अधिकारी द्वारा मामले को संज्ञान लेकर संवेदनशील रवैया अपनाते हुए तत्काल बाल संरक्षण अधिकारी के माध्यम से स्वयं भी कर्नाटक राज्य में बात कर बच्चों को जंगल से रेस्क्यू कर कर्नाटक के चाइल्ड लाइन में रखवाया गया है जिन्हें वहां सीडब्ल्यूसी में पेश किया गया। यहां से नाबालिगों को लेने जाने हेतु पुलिस को टीम बनाकर बाल संरक्षण कर्मचारियों के साथ जाना था किंतु प्रेमनगर पुलिस ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई और न ही अपराध दर्ज करना जरूरी समझा है। इससे नाबालिगों को नहीं लाया जा सका है।
