ऐतिहासिक पल को कैमरे में कैद करने बनाया गया सेल्फी जोन.अंग्रेजों के जमाने के कानून से आजादी का उल्लास दिखा थानों

सरगुजा
सरगुजा – अंबिकापुर : रंग-बिरंगे गुब्बारे से सजा अंबिकापुर का कोतवाली थाना। देशभक्ति से बजता गीत तथा इस ऐतिहासिक पल को कैमरे में कैद करने बनाया गया सेल्फी जोन। थाने में यह अलग नजारा उस आजादी को समर्पित था जो अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा था। यह नजारा अंबिकापुर के कोतवाली थाने में ही नहीं जिले के सभी थाना-चौकी में देखने को मिला। बिजली के आकर्षक झालरों से भी थानों को सजाया गया था।अंग्रेजों के जमाने का कानून एक जुलाई 2024 से समाप्त हो गया। तीन नए कानूनों के प्रभावशील होने का उल्लास सरगुजा के थानों में देखने को मिला। पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल के मार्गदर्शन में जिले के सभी थाना वं चौकी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। थाना क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों,जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर तीन नए कानूनी प्रविधानों की जानकारी दी गई। नए कानूनी प्रविधानों को लेकर पुलिस अधिकारी-कर्मचारी उत्साहित हैं लेकिन प्रक्रियाओं के अनुपालन में संसाधनों की कमी थोड़ा परेशान करने वाला है। पुलिस विभाग के मैदानी कर्मचारी भी अभी पूरी तरह से तीनों नए कानूनों को लेकर पारंगत नहीं हुए हैं।
मणीपुर थाना में जिले का पहला अपराध पंजीकृत
भारतीय न्याय संहिता के लागू होने पश्चात सरगुजा जिले के मणीपुर थाना में पहला अपराध पंजीकृत किया गया हैं। अंबिकापुर के बिलासपुर चौक पर खतरनाक ढंग से ट्रक खड़ी करने के आरोप पर पुलिस ने आरोपित जितेंद्र यादव (32) निवासी गौरया थाना हुसैनाबाद जिला पलामू झारखण्ड के विरुद्ध धारा 285 भारतीय न्याय संहिता का अपराध दर्ज किया गया हैं। मामले में पुलिस ने ट्रक क्रमांक जेएच 03 -एएन 7708 को जब्त किया है। सड़क पर भारी वाहनों को असुरक्षित ढंग से खड़ा करने के कारण दुर्घटनाएं होती है। इन दुर्घटनाओं में असमय ही लोगों की जान भी जा रही है।
किसी भी थाने में पंजीकृत करा सकते हैं एफआइआर
सरगुजा जिले के पुलिस थानों, चौकियों में आयोजित कार्यक्रमों में तीन नए कानूनी प्रविधानों की जानकारी दी गई। बताया गया कि नई व्यबस्था में शिकायतों को ई-एफआईआर के माध्यम से दर्ज कराया जा सकता है। शिकायत दर्ज करने के तीन दिवस के अन्दर संबंधित व्यक्ति को थाना आकर अपनी रिपोर्ट की पुष्टि करनी होंगी जिससे मामले में प्रकरण पंजीकृत किया जाएगा। अब थाना क्षेत्र की सीमा से संबंधित थाना या किसी अन्य थाने में अपराध दर्ज करने की प्रकिया में कोई समस्या नहीं होगी। जीरो एफआइआर के तहत अपराध दर्ज किया जा सकेगा।न्याय प्रक्रिया कों पारदर्शी वं त्वरित व्यवस्था प्रदान करने हेतु सभी प्रकरणों में समय सीमा तय की गई है। साथ ही सात वर्ष से अधिक के सजा के प्रकरणों मे एफएसएल टीम की जांच अनिवार्य है। इससे प्रकरण में अहम् साक्ष्य प्राप्त होंगे। प्रकरणों में जांच अधिकारी द्वारा घटनास्थल में जांच करते समय समय फोटो,वीडियोग्राफी कराई जाएगी जिससे आम नागरिकों को त्वरित वं पारदर्शी न्याय प्राप्त होगा।