बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने सरपंच, सचिवों ने लिया शपथ

सूरजपुर। जिला कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देश पर पूरे जिले को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू के समन्वय से जिले के समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंच वं सचिवों को बाल विवाह मुक्त करने हेतु प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक विकासखण्ड के सरपंच सचिवों को इस हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम से सूरजपुर जिले के दुरुस्त क्षेत्र विकासखण्ड ओड़गी के सरपंच सचिवों को बाल विवाह मुक्त पंचायत हेतु प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सूरजपुर श्रीमति कमलेश नंदिनी साहू ने सभी सरपंच एवं सचिवों का शपथ दिलाया कि हम अपने ग्राम पंचायत को बाल विवाह मुक्त करायेंगे और इसे एक विशेष अभियान के रूप में लेंगे। जिला पंचायत सीईओ ने इसे प्राथमिकता के साथ लेने और करने हेतु निर्देशित किया। कार्यशाला में उपस्थित सभी सरपंचों और सचिवों ने बाल विवाह रोकने और रिपोर्ट करने में अपनी भूमिका को लेकर गंभीरता दिखाई। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने शपथ दिलाया कि हम अपने परिवार में कभी बाल विवाह नहीं करायेंगे। समाज में व्याप्त बाल विवाह का सदैव विरोध करेंगे। तथा अपने गांवों में बाल विवाह मुक्त वातावरण बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।कार्यशाला को जिला बाल सरंक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने संबोधित करते हुए बताया कि केन्द्र सरकार ने पुरे भारत की बाल विवाह मुक्त भारत और राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त राज्य करने को सकल्प लिया है। इसी कम हमें भी सूरजपुर जिले की बाल विवाह मुक्त जिला बनाना है। जायसवाल ने सरपंचों और सचिवों को बाल विवाह से संबंधित कानूनी प्रावधानों, इसके दुष्परिणामी और रोकथाम के लिए अपनाई जाने वाली प्रभावी रणनीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसमें जागरुकता अभियान चलाने, शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने और बाल विवाह की सूचना मिलने पर त्वरित कार्यवाही करने जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस अतिरिक्त जायसवाल ने सभी सरपंचो वं सचिवों को राष्ट्रीय फॅमिली हेल्प के सर्वे से अवगत कराते हुए बताया किय छ.ग. में सबसे ज्यादा बाल विवाह सुरजपुर जिले में 34 प्रतिशत होना बताया है इसलिए भी बाल विवाह रोकने में हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। सभी ग्राम पंचायत में पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है, जिसके पदेन अध्यक्ष सरपंच ग्राम पंचायत है तथा सचिव ग्राम पंचायत के सचिव हैं। साथ ही सभी सचिवों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी भी बनाया गया है.इसलिए बाल विवाह रोकने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान सरपंच वं सचिव का है। हम सभी को संकल्प के साथ बाल विवाह रोकना है चूकी बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं बल्कि यह एक अपराध भी है। हम सभी संकल्प लेकर जाये कि हमारे ग्राम पंचायत में एक भी बाल विवाह नहीं होने देंगे। इस कार्यशाला का उद्देश्य जमीनी स्तर पर बाल विवाह की रोकथाम और उन्मूलन के प्रयासों को मजबूत करना है. जिससे बाल विवाह मुक्त सूरजपुर के विजन को पूरा किया जा सके।जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने समस्त सचिवों वं सरपंचों से आह्वाहन किया है कि बाल विवाह मुक्त सूरजपुर बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ और बाल विवाह मुक्त भारत बनाना है.तो हम सभी को मिलकर विशेष प्रयास करना होगा तथा इस पहल से उम्मीद है कि छत्तीसगढ वं हमारे सूरजपुर में बाल विवाह के मामलों में कमी आएगी और बालिकाओं को शिक्षा तथा सुरक्षित भविष्य का अवसर मिलेगा। विभिन्न पंचायतों से आए सरपंचों और सचिवों ने अपने अनुभवों और चुनौतियों को साझा किया। यह कार्यशाला राज्य सरकार की बाल विवाह उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू,उपसंचालक पंचायत ऋषभ सिंह चंदेल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल एपीओ जिला पंचायत शशि सिन्हा, जिला बाल संरक्षण ईकाई से जैनेन्द्र दुबे आउटरीच वर्कर पवन धीवर चाईल्ड लाइन से समन्वयक जनार्दन यादव टीम मेंबर रमेश साहू,प्रकाश राजवाडे वं दिनेश कुमार वं ओडगी वि.ख. के समस्त सरपंच एवं सचिव उपस्थित थे।