बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने का दिया गया प्रशिक्षण..सरपंच, सचिवों को….

सूरजपुर ! जिले को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने के लिए, एक महत्वपूर्ण पहल किया जा रहा है । जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू के समन्वय से जिले के समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंचों, सचिवों को बाल विवाह मुक्त करने हेतु प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है । प्रत्येक विकासखंड के सरपंच सचिवों को इस हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इसी क्रम में सूरजपुर जिले के विकासखंड- प्रेमनगर, एवं रामानुजनगर के सरपंच सचिवों को अलग-अलग तिथि में बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाने हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।कार्यशाला में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने कहा कि ग्राम पंचायतों के सरपंचों, वं सचिवों से यह अपील की जाती है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बाल विवाह की रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाएं । यह देखा गया है कि अभी भी कुछ ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह की कुप्रथा जारी है, जो न केवल कानूनी अपराध है बल्कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।इसके अतिरिक्त बाल विवाह से अनेकों समस्याएं उत्पन्न होती हैं जो बच्चों के जीवन को संकटमय बना देता है। इसलिए बच्चों का भविष्य सुरक्षित रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है तथा हम सभी से अनुरोध करते हैं कि इस सामाजिक बुराई को खत्म करने में प्रशासन का सहयोग करें | छत्तीसगढ़ सरकार ने पंचायत सचिवों को राजपत्र के माध्यम से जनवरी 2025 में बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नामांकित किया है, इस नाते सभी सचिवों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। जायसवाल ने सचिवों को विवाह पंजी संधारित करने एवं पंचायत में होने वाले समस्त विवाहों का अनिवार्य पंजीयन हेतु आग्रह किया । राज्य बाल संरक्षण समिति द्वारा इस सत्र में 40 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को बाल विवाह मुक्त करने का प्रस्ताव पास कर राज्य को भेजने की बात बताई, जिसमें उपस्थित पचास प्रतिशत सरपंच एवं सचिवों ने अपने ग्राम पंचायत में बाल विवाह नहीं होने की जानकारी दी, और पंचायत प्रस्ताव एवं ग्राम सभा का प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया ।आगे जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने कहा कि यह कार्यशाला बाल विवाह के विषय में सरपंचों और सचिवों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है । इसका उद्देश्य आप सभी को इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए सशक्त करना है । तथा आप सभी को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के कानूनी प्रावधानों और इस अपराध को रोकने में उनकी भूमिका के प्रति जागरूक करना है । केंद्र सरकार ने पूरे भारत को बाल विवाह मुक्त भारत और राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़” करने का संकल्प लिया है।

इसी क्रम में हमें भी सूरजपुर जिले को बाल विवाह मुक्त जिला बनाना है । छत्तीसगढ़ में पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है जिसमें पंचायत के सरपंच अध्यक्ष वं पंचायत सचिव उसके सचिव हैं ।

जायसवाल के द्वारा कार्यशाला के दौरान सरपंचों और सचिवों को निम्नलिखित विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई।

Back to top button
error: Content is protected !!