पुलिस के विवेचना अधिकारियों को नवीन कानूनों का दिया गया प्रशिक्षण

सूरजपुर। एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने नए कानूनों का पालन कर एफआईआर दर्ज होने के 60 व 90 दिवस के भीतर अनिवार्य विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश कराने, अपराध की विवेचना में सूक्ष्मता, घटनास्थल पर भौतिक साक्ष्यों के संकलन, साक्ष्यों को मजबूत बनाने और अपराधियों को सजा दिलाने में विवेचना में कोई कमी न रहें इन सभी विषयों पर पुलिस अधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन कराया। मंगलवार, 13 मई 2025 को नवीन कानूनों के प्रशिक्षण में एसएसपी सूरजपुर की मौजूदगी में जिला अभियोजन अधिकारी (डीपीओ) मनोज चतुर्वेदी ने नवीन कानूनों के बारे में बताते हुए कहा कि अब अपराध पंजीबद्ध करने के पश्चात् 60 व 90 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से चालान पेश करना होगा, विवेचना को मजबूत बनाने, इसमें साक्ष्यों का संग्रह, अभियोजन की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण बारीकियों को बताया। डीपीओ ने साक्ष्यों को मजबूत बनाने रखने के लिए जरूरी प्रक्रियाओं को भी स्पष्ट किया। पीड़िता का बयान ऑडियो-वीडियो माध्यम से रिकॉर्ड करने कहा ताकि साक्ष्य सशक्त और प्रभावी हो। संपत्ति संबंधी अपराधों और अन्य विभिन्न अपराधों की विवेचना की मानक प्रक्रियाओं के बारे में भी जानकारी दी। वहीं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और नियमावली, नए प्रावधानों की व्याख्या करते हुए उनके प्रभावी क्रियान्वयन के तरीकों पर गहन चर्चा की गई। इस दौरान एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने भी थाना-चौकी प्रभारियों को एफआईआर दर्ज होने के 60 व 90 दिवस के भीतर अनिवार्य विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र पेश करने के निर्देश दिए। फॉरेंसिक का उपयोग करके अपराधियों की पहचान स्थापित करने और साक्ष्यों को मजबूत बनाने के तरीकों पर भी चर्चा कर बताया कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में विवेचना के दौरान संवेदनशीलता, निष्पक्षता और विधिक प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है।

उन्होंने सभी विवेचकों से हर प्रकरण में न्याय करने हेतु सटीक एवं निष्पक्ष जांच करने और सभी मामलों में निष्पक्षता से समाधान करने ताकि पीड़ित पक्ष को उचित न्याय मिल सके। इस दौरान एडीपीओ नीलमणी, जयदेव कुर्रे, जिले के पुलिस राजपत्रित अधिकारी व थाना-चौकी प्रभारी मौजूद रहे।

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