कूटरचित प्रमाणक तैयार कर लाखों रुपए एक श्रमिक के अकाउंट में किया गया भुगतान

डीएफओ द्वारा वन परिक्षेत्राधिकारियों के साथ मिलकर बड़ा गड़बड़झाला करने का आरोप

सरगुजा/अम्बिकापुर सूरजपुर । गोदाम निर्माण में करोड़ों रुपए का फर्जी बिल वाउचर लगाकर शासकीय राशि का गबन करने के संबंध में वं शासकीय राशि का भुगतान करने में किए गए कूट रचना वं फर्जीवाड़ा के संबंध में डॉ डी.के. सोनी अधिवक्ता वं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा कोतवाली थाना अम्बिकापुर में संबंधित लोगों के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराए जाने हेतु 2500 पेजों के साथ शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया गया है। उन्होनें बताया कि फॉरेस्ट कैंपस काष्ठागरअम्बिकापुर वं ग्राम सांड़वाड के पास स्थित भूमि के गोदाम की स्वीकृति प्रदान की गई विसका साइज 22 मीटर बाई 25 मीटर तथा गोदाम के भंडारण क्षमता 1,53,600 बोरा निर्धारित किया गया जिसमें अन्य नियम एवं शर्तों का भी उल्लेख किया गया साथ ही साथ प्रत्येक गोदाम निर्माण की कुल राशि 1,46.65,821 रुपए निर्धारित किया गया तथा शासन के द्वारा निर्माण हेतु बनाए गए सभी नियमों का पालन करते हुए गोदाम निर्माण का कार्य संबंधित जिला यूनियन विभागीय तौर पर संपादित किए जाने का आदेश दिया गया। डॉ. डी. के. सोनी ने बताया कि शासन के द्वारा जो मापदंड गोदाम निर्माण के संबंध में अनुमोदित किया गया था उसके विपरीत उपरोक्त अधिकारियों वं ठेकेदार के द्वारा गोदाम का निर्माण किया गया है तथा घटिया स्तर का काम अधिकारियों के द्वारा ठेकेदार से मिली भगत कार्य गया है। शिकायत के साथ संलग्न दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि सरगुजा वन मंडल के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में वन परिक्षेत्र अम्बिकापुर के अंतर्गत गोदाम निर्माण हेतु करोड़ों रुपए का आवंटन हुआ था जिसमें तत्कालीन वन मंडलाधिकारी पंकज कमल वं तत्कालीन वन परिक्षेत्रिधिकारी गजेंद्र दोहरे वं वर्तमान वन मंडलाधिकारी शेखर वं निखिल पैकरा वन परिक्षेत्राधिकारी के देखरेख में गोदाम का निर्माण किया गया है उक्त गोदाम का निर्माण उपरोक्त अधिकारियों के द्वारा रायपुर के एक मुस्लिम ठेकेदार जो तत्कालीन वन मंत्री मो. अकबर के करीबी थे को दे दिया गया था जिसके द्वारा काम कराया गया लेकिन गोदाम निर्माण के संबंध में जो ड्राइंग डिजाइन स्वीकृत किया गया था उसके आधार पर निर्माण कार्य नहीं कराया गया है और आज भी उपरोक्त गोदाम अधूरे पड़े हुए हैं तथा खंडहर के रूप में दिख रहे हैं। किसी भी शासकीय निर्माण के कार्य में ड्राइंग डिजाइन अप्रूव होता है तथा उसका स्टीमेट बनाया जाता है और निर्माण के संबंध में कोई भी सामग्री क्रय करने के लिए भंडारण क्रय नियम बना हुआ है लेकिन निर्माण में संलग्न वन मंडलाधिकारी अन्य अधिकारियों के द्वारा संयुक्त रूप से तथा अपने-अपने स्तर पर अपना स्वयं का लाभ देखते हुए उपरोक्त नियमों को दरकिनार कर करोड़ों रुपए का भुगतान फर्जी बिल वाउचर लगाकर किया गया है तथा मजदूरों की मजदूरी एक ही दिन में एक ही व्यक्ति को कई-कई लाख रुपए का भुगतान किया गया है। डॉ. डी.के. सोनी ने बताया है कि उपरोक्त गोदाम निर्माण के संबंध में डीएफओ पंकज कमल, शेखर वन परिक्षेत्राधिकारी गजेंद्र दोहरे एवं निखिल पर के द्वारा दिनांक 30.3.2022 को 4,28,863 रुपए, 6,54,469 रूपये, दिनांक 31.3.2022 को 1,18,250 रुपए वं 1,99,395 रुपए, दिनांक 21.7.2022 को 19.21.778 रुपए, दिनांक 2.8.2022 को 19,59,041 रुपए, दिनांक 9.9.2022 को 19,21,778 रुपए, दिनांक 26.9.2022 को 25,533,738 रुपए, दिनांक 28.11.2022 को 25,40,364 रुपए का भुगतान फर्जी प्रमाणिक लगाकर स्वयं प्राप्त किया गया है। इसके अतिरिक्त सहायक महाप्रबंधक को भी करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया है। जिसकी विधिवत जांच करने से करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा प्रमाणित होगी।

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