सूरजपूर:छठे दिन केतकी खदान के गेट का ताला खुला प्रबंधन ग्रामीणों के बीच बनी आम सहमति@.!

सूरजपूर:बिश्रामपुर -! केतकी भूमिगत कोयला खदान के गेट का ताला आज छठे दिवस ग्रामीण एवं प्रबंधन के बीच आम सहमति बनने के बाद खुल गया।जानकारी के अनुसार 31 मई से जोबगा ग्राम के ग्रामीणों ने भाजपा नेता संत सिंह के अगुवाई में नौकरी एवं मुआवजा की मांग को लेकर एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के भूमिगत खदान केतकी के मुख्य गेट में ताला जड़ दिया था ।प्रबंधन, राजस्व विभाग एवं ग्रामीणों के बीच कई दौर की बैठक हुई परंतु नतीजा निकलता नहीं दिखा ।आज पांचवी बार प्रबंधन ,राजस्व एवं ग्रामीणों के बीच लंबी चर्चा के बाद आम सहमति बनने पर दोपहर 2 बजे गेट का ताला खोल दिया गया। जिससे खदान के कर्मचारियों ,एस एम एस कंपनी के कर्मचारी एवं ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है ।एसडीएम डॉक्टर रवि सिंह, तहसीलदार इजराइल अंसारी, हिना टंडन ,एसईसीएल केतकी खदान मैनेजर दिलीप कुमार मिश्रा, रेहर गायत्री प्रभारी प्रबंधक अमरेश पाण्डेय, सुरक्षा अधिकारी मनीष गहलोत, विवेक वीरेंद्र कुमार विजय चक्रवर्ती आरके द्विवेदी, एसएमएस कंपनी के वीके चौधरी , ग्रामीणों में संत सिंह अजय कुमार पोर्ते, उपसरपंच मुरली सिंह पांडू धनीराम आदि के बीच आम सहमति बनी जिस पर 31 मई से बंद खदान आज खुली।
समझौते के अनुसार नौकरी के जो लंबित प्रकरणों 105 से 170 प्रकरण है उसे 1 माह के अंदर निपटारा किया जाएगा ।इस समय कंपनी में जरूरत पड़ने पर भर्ती दी जाएगी ।ग्राम में 1 ट्यूबवेल लगा है शेष 3 ट्यूबवेल ग्रामीणों द्वारा बताए निर्धारित स्थल पर खनन किया जाएगा। छोटी मोटी मांगों पर समय-समय पर पूर्ण किया जाए जाएगा।यहां बता दें कि एसईसीएल की महत्वकांक्षी केतकी भूमिगत खदान से जनवरी 2023 से अथक प्रयास के बाद प्रतिदिन 100 टन कोयला का उत्पादन हो रहा था जो 31 मई से तालाबंदी हो जाने से 500 टन कोयला का उत्पादन नहीं हो सका ।इस प्रकार खदान में अधिकारी कर्मचारियों को ले तो 60 कर्मचारी कार्यरत है। इस प्रकार तीनो पालियो मे 300 मेन पावर भटकते नजर आए ।जिसका वेतन लाखों में होता है। इस प्रकार केतकी खदान में तालाबंदी हो जाने से प्रबंधन को काफी क्षति उठानी पड़ी है।

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