जमदग्नि ऋषि की तपोभूमि और प्राचीन अर्द्धनारेश्वर शिवलिंग देवगढ़ धाम में महाशिवरात्रि के महापर्व पर इस वर्ष लगभग एक लाख से अधिक उमड़े श्रद्धालुओं

पीआर ग्रुप ने लगाया विशाल भण्डारा, जमदाग्नि ऋषि की तपोभूमि पर लगा तीन दिन का भव्य मेला एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक

सूरजपुर /जमदग्नि ऋषि की तपोभूमि और प्राचीन अर्द्धनारेश्वर शिवलिंग देवगढ़ धाम में महाशिवरात्रि के महापर्व पर इस वर्ष लगभग एक लाख से अधिक उमड़े श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। वहीं मेले में प्रशासनिक व्यवस्थाओं को लेकर श्रद्धालुओं ने अव्यवस्था के आलम में मेले के औचित्य पर भी प्रश्न चिन्ह लगाए और मेले के वातावरण में बिजली, पानी, प्रसाधन व्यवस्था का बुरा हाल था और लोग पानी के लिए तरस रहे थे प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के पर्व पर लगने वाले देवगढ़ मेले में अन्य वर्षों की तुलना में लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने प्राचीन शिवलिंग के दर्शन किये। इस बार मंदिर परिसर में शिवलिंग के उपर तक चाड़ी लगाकर बाहर से ही जलाभिषेक कराया जा रहा था तथा मंदिर के चारों दरवाजों कारण भारी भीड़ के बावजूद भी लोग दिनों तक चलने वाले देवगढ़ मेले में इस वार श्रद्धालु अनुमान से कहीं ज्यादा पहुंचे। प्रशासनिक स्तर पर मेले की कोई।से मेले में जम कर अव्यवस्था का आलम था। 18 से 20 फरवरी तक चलने वाले मेले में जिले के कोने-कोने से श्रद्धालु और साधु-संत देवगढ़ पहुंचने लगे थे। वहीं तीन किमी लम्बे क्षेत्र में इस बार देवगढ़ का मेला व्यापक पैमाने पर के दो बजे से ही श्रद्धालु मंदिर में भारी से भक्तो की लगी लाइन दूसरे दिन शाम सात बजे तक लगी रही। दिन में आलम यह था कि लाईन एक किमी लम्बी लग कराने के लिए इस बार बेरिकेटिं प्रशासन के दावों की खुली पोल क्षेत्र के विख्यात देवगढ़ मेले के पूर्व प्रशासनिक अमले ने बैठक लेकर सुव्यवस्थित व्यवस्थाओं व जनसुविधाओं का दावा तो किया परंतु धरातल पर सब भरा का भरा रह गया। महज तीन-चार हैण्डपम्पों और दो छोटे टैंकरों के भरोसे मेले में लोगों की प्यास बुझाने का असफल प्रयास किया। इस बार मेले में आवश्यक जनसुविधाओं की कमी को लेकर भी श्रद्धालुओं में परेशानी का सबब दिखा।व्यवस्था भी की थी। मेले के निरंतर बढ़ते स्वरूप और श्रद्धालुओं की बढ़ रही संख्या को लेकर पहुंचे आम नागरिको ने प्रशासन से पहल की मांग करते हुए मेले को व्यवस्थित करने की भी मांग की है। वहीं मेले में सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, झारखंड और यूपी से भी बड़ी संख्या में दुकानों के साथ कई प्रकार के झुले और मीना बाजार के साथ मौत का कुंआ जाम खुलवाया गया। आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। वहीं पीआरए के भण्डारे में 20 हजार ने किया भोजन प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी साधुराम प्रहलाद राय सेवा सदन ट्रस्ट पीआरए ग्रुप सूरजपुर के द्वारा लगभग 20 हजार श्रद्धालुओं को भण्डारे में निःशुल्क भोजन कराया गया। उल्लेखनीय है कि विगत लगभग 39 वर्षों से नगर के व्यापारिक घराने पीआरए परिवार के द्वारा देवगढ़ में विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाता है और लगातार श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के बीच भण्डारे का भी स्वरूप वृहद होता जा रहा है। मेले में इस बार भी पानी के लिए मची अफरा तफरी में पीआरए के दो बड़े और तीन छोटे टैंकरों ने श्रद्धालुओं की प्यास बुझाई।
दो किमी का लग गया लंबा जाम कांटो की सैय्या पर लेटी महिला, बनी आस्था का केन्द्र मेले में उमड़ी आभार भोड़ और बड़ी संख्या देवगढ़ धाम परिसर में लगभग 200 साल पुराने पीपल के पेड़ के नीचे कांटो की संख्या पर लेटी महिला आस्था का केन्द्र बनी हुई थी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शन कर रहे थे। वहीं अखण्ड कीर्तन व पूजा-पाठ के साथ साधु-संतों परिसर में यत्र-तत्र बिखरे शिवलिंग व बड़ी रोजी-रोटी की भी व्यवस्था बना रखी थी।मैं वाहनों की आवाजाही बीच आलम यह था कि दो किमी का लंबा जाम लग गया और सैकड़ों गाड़ियों जाम में फंसी रही। तीन-तीन, चार-चार घण्टे तक लोग से दर्शनों को व्यवस्था की गई थी। जिस फैला हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन रात जशपुर व पत्थलगांव के साथ बिहार, जाम में फंसे रहे। वहीं कई जनप्रतिनिधियों ने वहां धुनी भी जमा रखी थी। पूरे देवगढ़ मेला सहित प्रशासनिक अमले के अधिकारी भी आसानी से दर्शन कर पा रहे थे तीन संख्या में उमड़ पड़े और रात के दो बजे श्रद्धालु पहुंचे थे। मेले में तरह-तरह की जाम का शिकार हुए। बाद में कुछ उत्साही संख्या में खुले में पड़ी पाषाण प्रतिमाओं को युवाओं के द्वारा मशक्कत कर किसी तरह लेकर भी साधु-संतों ने वहां अपनी-अपनी भी व्यवस्था न होने तथा जनपद और गई थी। श्रद्धालुओं को विधिवत दर्शन तीन किमी लंबे मेले में सिर्फ आदमी ही ग्राम पंचायत के बीच वर्चस्व की लड़ाई नजर आ रहे थे और कोविड के बाद लगे बड़े मेले को लेकर मेला में पहुंचे व्यापारियों के भी चेहरे खिले हुए थे।मेला प्रबंधन में पुलिस, स्वास्थ्य व जनपद की टीम भी सक्रिय थी।

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