जीवन बीमा निगम को देना होगा पॉलिसीधारक को चार वर्ष की ब्याज की राशि

छ.ग.
सूरजपुर।जिला उपभोक्ता आयोग ने आज दिए एक महत्वपूर्ण फैसले में जीवन बीमा निगम को पालिसी की बिलम्बित भुगतान पर 6 प्रतिशत ब्याज देने के साथ मानसिक क्षति पूर्ति व परिवाद व्यय राशि देने का निर्देश दिया है।राशि के भुगतान की आदायगी हेतु 45 दिन की डेड लाइन दी गई है इस डेड लाइन में राशि जमा न करने पर आठ प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देय की भागीदार कम्पनी होगी।जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष राकेश पांडेय,सदस्य धीरेन्द्र कुमार वर्मा व संगीता मिश्रा की पीठ ने यह फैसला दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जरही भटगांव की लक्ष्मी दास ने जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष धारा 35 के तहत एक परिवाद दायर किया था।जिसमे जीवन बीमा निगम पर पालिसी बीमा की राशि देने में आनाकानी का आरोप लगाया था।लक्ष्मी दास के अनुसार उनके पति कृष्णा दास जो कालरी में इलेक्ट्रिशियन के पद पर कार्यरत थे,ने अपने जीवन काल मे 7 पॉलिसी ली थी।उनकी मृत्यु 1 जून 2016 को हो गई।मृत्युपरांत लक्ष्मी दास ने पालिसी पर भुगतान का दावा किया जिस पर जीवन बीमा निगम ने 6 पालिसी का भुगतान तो कर दिया पर एक पालिसी का भुगतान यह कर करने से इंकार कर दिया कि उक्त पालिसी कालातीत होने की वजह से मृत्यु दावा देय नही है।इस पर लक्ष्मी दास ने जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष 2019 की धारा 35 के तहत परिवाद दायर किया।इधर परिवाद दायर होने के बाद जीवन बीमा निगम ने उक्त पालिसी की राशि का भुगतान जो एक लाख रुपए थी ,का भुगतान चेक के माध्यम से कर दिया जिसे वे देय के अयोग्य बताया था।इस भुगतान के बाद लक्ष्मी दास ने परिवाद में संसोधन करते हुए ब्याज का दावा किया।बहरहाल,आयोग ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि जीवन बीमा निगम की सेवा में कमी है।लिहाजा दोनो पक्षो की दलील सुनने के बाद आयोग ने यह फैसला दिया है कि पालिसी की राशि एक लाख पर 20 नवम्बर 19 से 26 मई 2023 तक का 6 प्रतिशत ब्याज की राशि के साथ मानसिक व्यथा व परिवाद खर्च की राशि 6 हजार 5 सौ की आदायगी निगम 45 दिवस के अंदर करें। उपरोक्त राशि निर्धारित अवधि में न करने पर आठ प्रतिशत अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा।
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