किसान कांग्रेस ने की रश्मि नर्सिंग होम मामले में लापरवाह डॉ व कर्मचारियो पर एफआईआर की मांग

कहा जिला अस्पताल दलाली का अड्डा बना दिया गया है। आलम यह है जिले के डॉक्टर कर्मचारी अस्पताल में आये मरीजो का इलाज न करते हुए
द फाँलो न्यूज
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री व कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता विमलेश तिवारी ने सूरजपुर जिला मुख्यालय के एक चर्चित अवैध नर्सिग होम में डॉ की लापरवाही से हुए जच्चा बच्चा की मौत के मामले ज्ञापन देकर अपराध दर्ज एफआईआर
करने की मांग की है।
गौरतलब है कि सूरजपुर जिला मुख्यालय में संचालित रश्मि नर्सिंग होम में जच्चा बच्चा की मौत बीते दिनों हुआ था। मृतिका पूजा साहु पति राम नारायण साहू उम्र 23 वर्ष ग्राम भुनेश्वरपुर (चिखला पारा) निवासी है। उपरोक्त मामले में मृतिका के पिता महेन्द्र साहु आ॰ स्व॰ राम प्यारे साहु निवासी ग्राम खाडा पो० महोरा जिला कौरिया (छ.ग) पूरी घटनाक्रम की सूचना दी गई थी। जिसमें अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ के द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है। श्री तिवारी नव अपने ज्ञापन में लिखते हैं कि ब्लड बैंक की भूमिका भी संदिग्ध है। इस डॉक्टर और नर्सिंग होम सहित अस्पताल प्रबंधक स्टाफ की अति लापरवाही सामने आई है। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर खुले आम अपना क्लिनिक, नर्सिंग होम चला रहे और जिला अस्पताल में आये हुए मरीजो को खुद की क्लिनिक नर्सिंग होम में ले जा रहे है। अस्पताल के स्टाफ व नर्स इसके लिए दलाली कर रहे है। आगे लिखते हैं कि जिला अस्पताल दलाली का अड्डा बना दिया गया। आलम यह है जिले के डॉक्टर कर्मचारी अस्पताल में आये मरीजो का इलाज न करते हुए करने में लगे है जन्म दिन सहित कई तरह की पार्टी मौज मस्ती का आयोजन किया जाता है। फिलहाल नर्सिंग होम में जच्चा बच्चा की मौत में डॉक्टर सहित अस्पताल अमले की मुख्य भूमिका है। इस तरह की घटना आये दिन होते आ रही जिसकी शिकायते भी हुई है। लेकिन कोई कार्यवाही नही होने से ऐसे डॉक्टरों की हौसला बुलन्द है जिससे जच्चा बच्चा की मौते हो रही है।
पुलिस से डॉ० रश्मि और उनके सहयोगियों के द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है। जिस पर तत्काल अपराध दर्ज
एफआईआर कर कार्यवाही करने की मांग की है।
बतादें की लम्बे समय से अवैध रूप से नर्सिग होम का संचालन डॉ रश्मि कुमार कर रही थी। उसके चन्द कदमो की दूरी में जिला चिकित्सा अधिकारी का निवास है। जिसके बाद में दुर्घटना के पूर्व नर्सिंग होम को सील नहीं करना प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।
