नाबालिको को बाल वधू बनने से बचाया, रोका बाल विवाह,बाल संरक्षण इकाई और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

नाबालिको को बाल वधू बनने से बचाया, रोका बाल विवाह,बाल संरक्षण इकाई और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
सूरजपुर – कलेक्टर रोहित व्यास के बाल विवाह पर कडे रूख के बाद प्रशासनिक टीम गांव में बाल विवाह रोकने हेतु सक्रिय है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी को ग्रामीणो के द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी कि देवीपुर में दो बाल विवाह एवं रामानुजनगर के ग्राम गणेशपुर में 1 बाल विवाह होने वाला है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने शिकायत की पुष्टि हेतु उक्त बालिकाओं का उम्र सत्यापन सम्बन्धित स्कूलों से की गई जिसमे सभी शिकायते सही पाई गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू ने तत्काल बाल विवाह रोके जाने की कार्यवाही के निर्देश दिये। देवीपुर मे सूचना प्राप्त स्थान पर पहुंचने पर नाबालिक समेत सभी लीपाई पोताई कर विवाह की तैयारी में थे। बालिका की उम्र 16 वर्ष थी। बालिका से बात करने पर पता चला कि बालिका एवं लडके के बीच जान पहचान लंबे समय से है बालिका के जिद मे उक्त बाल विवाह सम्पन्न हो रहा है। बालिका विवाह करने को जिद कर रही थी। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने समझाईस दी की बाल विवाह एक अभिषाप ही नही बल्कि एक अपराध भी है। बाल विवाह करने पर लडका समेत लडकी के समस्त रिस्तेदार एवं बराती घराती सभी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध हो जायेगा। मोबाईल पर समबन्धित लडका पक्ष को भी समझाईस दिया गया तब जाकर बालिका बाल विवाह नही करने पर राजी हुए। गांव के चौकीदार और आंगनबाडी कार्यकर्ता को विवाह पर नजर रखने की हिदायत दी गई। गांव की एक और नाबालिक जिसकी उम्र मात्र 15 वर्ष 6 माह थी के घर टीम गई तो पता चला घर मे कोई नही है माता पिता पिता पत्थर तोडने के लिए पहाड मे चले गये है। घर का दरवाजा खुला था। आस पडोस के लोग बताये लडकी मंदिर चली गई है। काफी देर होने और ग्रामीणों के इकट्ठा होने पर महिला कान्सटेबल घर मे घुस कर तालाशी लेने पर पता चला लडकी और उसकी बहन कोने में छुपे हुए है। अभिभावको को बुलाया गया और समझाईस दी गई की इतनी छोटी लडकी का विवाह करने से उसे शारीरिक और मांनसिक स्थिति पर खराब प्रभाव पडेगा और कार्यवाही होगी सो अलग, उक्त समझाइस के आधार पर बाल विवाह को रोकने को तैयार हो गये।संयुक्त टीम विवाह रोकने के बाद रामानुजनगर के गणेशपुर गई जहां पर 14 वर्ष 8 माह के बालिका की बाल विवाह की तैयारी की जा रही थी। बालिका का पिता गांव का कोटवार है और बालिका के दादा उस वार्ड के पंच है। चर्चा पर पता चला की बालिका के पिता का विवाह मात्र 14 वर्ष मे गया था। बालिका 9 वी की परीक्षा दी है। पुरे ग्रामीणों को बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम की जानकारी दी गई और बताया गया कि यदि कोई बाल विवाह करता है तो उसमे सम्मिलित होने वाले, अनुमति देने वाले को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत दो वर्ष की सजा और 1 लाख रूपये जुर्माना या दोनो के दंण्डित किये जाने का प्रावधान है। समझाईस पर परिजन बाल विवाह रोकने और बालिका को 12 वीं तक पढाने का निर्णय लिया।बाल विवाह राकने वालो मे जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, रामानुजनगर तहसीलदार, सूरजपुर के नायब तहसीलदार इजराईल अंशारी, संरक्षण अधिकारी अखिलेश सिंह, काउन्सलर जैनेन्द्र दुबे चाईल्ड लाईन परियोजना समन्वयक कार्तिक मजुमदर टीम मेम्बर जनार्दन यादव महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमति दीपा बैरागी, सुशीला लकडा, रामानुजनगर पर्यवेक्षक धनेश्वरी मराबी, पुलिस थाना रामानुजनगर स०उ०नि० क्षेत्रपाल सिंह, आरक्षक विकास सिंह थाना सूरजपुर से प्र०आ० उदय सिंह आरक्षक संदीप शर्मा महिला आरक्षक रोशनी सिंह एवं सभी आंगन बाडी कार्यकर्ता उपस्थित थे।