जिला शिक्षा अधिकारी रहते है खुद नदारत जाने क्या है पूरा मामला…

द फाँलो न्यूज
सूरजपुर उनके लिए बहुत मायने नही रखता जिला शिक्षा अधिकारी कांग्रेस के पूर्व मंत्री के बेहद करीबी हैं और जुगाड़ जंतर कर वे इस पद पर शुशोभित हुए है।विभाग भगवान भरोसे संचालित शिक्षा अधिकारी हफ्ते में एक आज निजी स्कूल कांग्रेस नेता के करीबी अधिकारी, है दो जिलों के प्रभारी रहेंगे बन्द..मोबाइल से एलर्जी इस सम्बंध में जिला शिक्षा अधिकारी का पक्ष जानने के लिए अनेक मोबाइल में उन्हें काल किया गया पर उन्होंने एक बार भी मोबाइल रिसीव नहीं किया। कई बार उनके दफ्तर का चक्कर लगाया गया जहाँ ताला लटका हुआ था लिहाजा उनका पक्ष ज्ञात नही हो सका है।है साधरण टीसी जैसे मामले के लिए भी लोगो के न केवल चप्पल घिस जा रहे है बल्कि छात्रों का भविष्य भी दांव पर लग रहा है लेकिन शिक्षा अधिकारी तो क्या दूसरे अफसरों को भी इस से तब भी कोई मतलब नही है जब उनका ध्यानाकर्षित किया जा रहा है तो जाहिर है कि जिले कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी। शिक्षा विभाग में मनमानी के परिणामस्वरूप शिक्षक दिवस पर निजी स्कूलों ने न केवल स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है। बल्कि किसी तरह के सम्मान समारोह आदि का भी बहिष्कार करने का मन बनाया है निजी स्कूल संचालको का कहना है कि निजी विद्यालयों के आरटीई की राशि भुगतान में काफी देरी होने एवं अन्य मांगों को लेकर शासन के पास विरोध दर्ज कराने का फैसला लिया गया है। आज जिले के समस्त स्कूलों का संचालन स्थागित रहेगी एवं साथ ही इस अवसर पर किसी भी प्रकार का शिक्षक सम्मान या कार्यक्रम नहीं करेंगे। क्योंकि २५ राशि शासन अपने पास ४ वर्षों से रखी है, ऐसे में हमारे शिक्षक को समय देन नहीं मिल पता तो हम उन्हें एक दिन सम्मान देकर उन्हें सम्मानित नहीं बल्कि अपमानित करने का काम रहे है। विद्यालय काला पट्टी लगाकर सांकेतिक रूप से अपनी पीड़ा को शासन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।है
ऐसे में जिले के अन्य बड़े अफसरों को भी वे देंगेपर रखते है बहरहाल, जिले में जिला शिक्षा अधिकारी के नरहने से जिले में शिक्षा ड्यूटी पर आते है।चूंकि वे बलरामपुर जिले के भी प्रभार में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल में सब भगवान भरोसे है!