प्रेमनगर- मनरेगा से निर्मित अमृत सरोवर योजना में मजदूरों के जगह पर कार्य कराया जेसीबी मशीन से

अनिमियता:जनपद सीईओ और पीओ के खिलाफ हो चुका है शिकायत, जांच लम्बित

कौशलेंन्द्र यादव 

सूरजपुर/प्रेमनगर जनपद पंचायत के अफसर लापरवाह होकर शासन की योजनाओं पर जमीन हकीकत और नही उतार पा रहे है। जनता में प्रशासन के प्रति आक्रोश है। मजदूरों से कार्य कराया जाना था। उन कार्यो को मशीनों से कराकर जनता के हक में भर डाका नही डाल रहे बल्कि शासन के आदेशों की खुलेआम अव्हेलना हो रहा है।

दरअसल मामला प्रेमनगर जनपद पंचायत का है। यहां पदस्थ मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी लापरवाह है। इनके सरंक्षण में खुले आम मनरेगा कार्यो में अनिमियता किया जा रहा है। ग्राम पंचायत रघुनाथपुर के बरपारा में स्थित मनरेगा योजना के तहत अमृत मानसरोवर बड़ा तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। इस तालाब को मजदूरों से खन्न कराया जाना था कि स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिल सके, किन्तु ग्राम के रोजगार सहायक तकनिकी सहायक, मनरेगा पीओ के सरंक्षण में मजदूरों के बजाए जेसीबी मशीन लगाकर तलाब की खोदाई कर दी, बल्कि मिट्टी को सड़क के किनारे स्थित घर के सामने भी डाल दिया गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जेसीबी मशीन लगाकर कार्य कराने की बात गाँव मे हल्ला होने के बाद पंचायत के पदाधिकारी, रोजगार सहायक द्वारा कार्य बंद करा दिया गया और मशीन हटाकर मजदूरों से कार्य कराया गया था। ताकि मशीन के निशान धरातल नही दिखे। इस कार्य मे फर्जी मास्टर रोल भर कर राशि आहरण किया जा रहा है।

बतादें कि प्रेमनगर जनपद पंचायत में अनिमियता करना कोई पहला मामला नही है। इससे पूर्व यहां पदस्थ पूर्व में दो मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आर्थिक अनिमियता किया जा चुका है। तत्कालीन मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी निर्मल श्याम द्वारा करीब 50 – 70 लाख रुपये का राशि मैनुवल मास्टर रोल के माध्यम से मिट्टी से राशि आहरण कर लिया था। साथ ही कई कार्यो के नाम से जमीन पर कार्य हुए बगैर ही राशि आहरण कर लिया गया था। जिला प्रशासन द्वारा दो मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी को सेवा समाप्त किया जा चुका है। जिसके बाद एक कार्यक्रम अधिकारी जिसने अनिमियता किया था उसे रामानुजनगर का मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी नियुक्त किया गया है।

प्रेमनगर विकास खण्ड के मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी, जनपद सीईओ के खिलाफ कई शिकायत जिला प्रशासन से किया जा चुका है। कई शिकायत की जांच लम्बित है। हाल ही में रीपा योजना के तहत कार्य धरातल में हुए बगैर कागज में बगैर मूल्यांक के ही भुगतान करने का मामले कि शिकायत जिला पंचायत में किया जा चुका है। जिसके बाद भी जांच करने अफसर नही आये है।

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