सूरजपूर:!अतिक्रमण कैसे तब्दील हुआ दर्जनों घरों के रूप में, जिला मुख्यालय से चंद कदमों कि दूरी पर स्थित बहुचर्चित तिलसिवा में अतिक्रमण हटाने से जुड़े मामले में अब तक सामने आई गतिविधियों में सामने आता सवाल

जवाबदेहों की खामोशी कैसे होगी निष्पक्ष तौर पर जांच
सूरजपुर कौशलेन्द्र यादव । नौतपा की तपिश के बीच अचानक शनिवार 27 मई को बदलें मौसम का मिजाज से खुलें आस्मां के नीचे परिवार के सदस्यों ने आंधी तुफान व बरसात के मंजर के बीच पूरी रात गुजारने व इसपर सुर्खियां बनने पर एक मातहत को कोरमपूर्ती के लिए लगाकर प्रभावित परिवारों द्वारा स्थान नहीं छोड़ने की बातें कहकर बार बार जिला प्रशासन लापरवाही बरतने की अपनी स्वीकृति और ऐसी हालत चंद जिला मुख्यालय के शहर की चंद कदमों कि दूरी पर निर्मित होने के कारणों पर गंभीरता बरतते हुए कही और ऐसे हालात निर्मित नहीं हो इस दिशा में कारगर उपाय और उसका क्रियान्वयन भौतिक धरातल पर हकीकत में तब्दील हो इस विषय पर अबतक के हालत कोरमपूर्ती भर पड़ी हुई है। वहीं दूसरी तरफ मामले में प्रभावित ग्रामीण व अतिक्रमण हटाने कि कार्यवाही में जिनके आशियाना उजड़ा आखिरकार वह वहां तक कैसे और किसकी संरक्षण पर गौठान के आसपास शासकीय भूमि पर काबिज होकर मकान निर्माण कार्य पूर्ण कर आबादी वाले क्षेत्र बतौर तब्दील हुई तमाम कड़ियों पर निष्पक्ष तरीके से जांच करने और प्रभावितों को उनके मौलिक अधिकारों के तहत राहत दिलाने के दिशा में कवायद शुरू कर वापस समान्य जीवन फिर से अपना गुज़ारे इस दिशा में कम से कम छत व मासूम बच्चों के साथ महिलाओं को भयमुक्त वातावरण के दिशा में गंभीरता से कवायद शुरू कबतक होगा इसका जवाब आने वाले समय में खुद ही जाहिर करेगा । वहीं दूसरी तरफ मामले में पुलिस व प्रशासनिक टीम अपनी नियमानुसार कार्यवाही तोड़फोड़ के मुद्दे पर चल रही है।
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इस संबंध में एसडीएम रवि सिंह ने कहा कि इन लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था विद्याश्रम व रैन बसेरा मैं किया गया है लेकिन इन लोग जाने के लिए तैयार नहीं है
