जिले में धान उपार्जन की ऐतिहासिक और सुव्यवस्थित शुरुआत

सूरजपुर। शासन के मंशानुरूप जिले में कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देशन में धान खरीदी कार्य सुचारू वं पारदर्शी रूप से जारी है। जिले के कुल 54 धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी शुरू हो चुकी है। इनमें चंदरपुर समिति से अब तक 246 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है।जिले में इस वर्ष 63,819 किसानों का पंजीयन हो चुका है, जिनका कुल रकबा 73,192.9780 हेक्टेयर है। इनमें से 4,179 किसान नए पंजीकृत हुए हैं।तुहर टोकन मोबाइल ऐप से घर बैठे मिल रहा धान बिक्री का टोकन खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी ‘तुहर टोकन मोबाइल ऐप’ किसानों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हो रहा है। इस ऐप से किसान घर बैठे टोकन ले पा रहे हैं।यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इसमें आधार आधारित ओटीपी से तुरंत पंजीकरण किया जा रहा है।इसके अंतर्गत प्रतिदिन सुबह 8 बजे से टोकन आवेदन की सुविधा है। ऐप से धान खरीदी प्रक्रिया सुगम, पारदर्शी और निष्पक्ष बनी है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष धान खरीदी 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक की जाएगी।किसान खुशकृ सुगमता से धान बेच पा रहे हैं किसानों ने बताया कि मोबाइल ऐप के माध्यम से टोकन आसानी से मिल रहा है,धान विक्रय प्रक्रिया तेज हुई है। उपार्जन केंद्रों में अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उपार्जन केंद्रों में पर्याप्त बारदाना, तौल मशीन,हमाल,बैठने की व्यवस्था जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के किसान हितैषी निर्णय से किसान प्रभावित है। 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी,प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदी सीमा को लेकर किसानों में व्यापक संतोष देखा जा रहा है। ये निर्णय कृषि को अधिक लाभदायक बना रहे हैं।इसके अलावा धान खरीदी में गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु उच्च गुणवत्ता वाली मोइश्चराइज़र मशीनें लगाई गई हैं। प्रशासन द्वारा 17ः नमी मानक का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसानों के प्रत्येक दाने की सुरक्षा और उचित भुगतान उनकी सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
अधिकारियों ने बताया कि टोकन, तौल, परिवहन और भुगतान सभी कार्य पारदर्शी, मानकीकृत, समयबद्ध,निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार किए जाएंगे।जिला प्रशासन द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वे निर्धारित तिथि,समय-सारणी और गुणवत्ता मानकों का पालन करते हुए धान उपार्जन केंद्रों में धान लेकर आएँ।
