कुदरगढ़ वन परिक्षेत्र के गिरवानी नाला चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, रेंजर के मनमानी के आगे नतमस्तक वन विभाग

द फाँलो न्यूज
वन मंडल पिछले कुछ सालों से भ्रष्टाचार के मामलों में सुर्खियां बटोर रही है,कई सारे काम कागजों में तो पूरा कर लिए जा रहे हैं लेकिन धरातल पर उन कामों का कोई वजूद ही नहीं है,ठीक इसी तरह का एक मामला
सूरजपुर – कुदरगढ़ वन परिक्षेत्र के गिरवानी नाले में करोड़ों के लागत से हो रहे निर्माण कार्य भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ चुका है,पिछले कई सालों से हो रहे यहां के निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका है,इन्हीं निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने कुछ दिन पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंहपहुंचे थे जिन्होंने परिक्षेत्र के रेंजर को खूब फटकार लगाते हुए निर्माण कार्यों की जांच करने की बात कही थी लेकिन लाखों रुपए के वारा न्यारा कर चुके वन विभाग पर किसी तरह का कोई जांच नहीं हुआ जिससे नाराज क्षेत्रवासी वन विभाग पर व्यापक रूप में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। इस काम के लिए लगभग ९७ लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी जिसमें से ६५ लख रुपए फर्जी तरीके से काम किए बिना आहरण कर लिया गया है। जिला मुख्यालय से दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण उच्च अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच पाए जिस वजह से वन परिक्षेत्र के मालिक कहे जाने वाले रेंजर मनमानी कर सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि मनरेगा के तहत किया जाने वाला इस काम को खुलेआम जेसीबी से कराकर लीपा पोती कर दी गई है। सूरजपुर वन मंडल के लगभग सभी परिक्षेत्र में करोड़ों रुपए के कामों का स्वीकृति सरकार से मिल तो जाती है पर परिक्षेत्र अधिकारी इसे अपनी मोटी कमाई का जरिया मानकर खुलेआम भ्रष्टाचार करते रहे हैं। एक तरफ सरकार को बड़े पैमाने पर चूना लगाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र की जनता को योजनाओं एवं विकास कार्यों का लाभ नहीं मिल पा रहा है।कई निर्माण कार्य तो ऐसे हैं जिनका धरातल पर कोई वजूद ही नहीं है और वह काम कागजों में पूर्ण बता दिया गया है पूर्व में रहे वनमंडला अधिकारी संजय यादव के स्थानांतरण पश्चात ,पदभार संभाल चुके नए वनमंडला अधिकारी पंकज कमल इनका तो कार्य प्रणाली ही समझ से परे है जबसे सूरजपुर का इन्होंने जिम्मेदारी उठाई है फोन उठाना ही उचित नहीं समझते। आखिर शिकायत करें तो करें किससे,कई वन परिक्षेत्राधिकारी बिल वाउचर भांजाने में भारी व्यस्त नजर आ रहे हैं। इन्हें निर्माण कार्यों में लीपापोती करने के अलावे कुछ सूझ ही नही रहा है।
चुनावी सर गर्मी भी इन दिनों तेज है छत्तीसगढ़ में सरकार भी किसी प्रकार के आरोपी से बचने का भरपूर प्रयास कर रही है लेकिन ऐसे वन मंडल के निरीक्षण
करने के दौरान कई सारे कमीयों का उजागर होने के बाद भी आयोग के अध्यक्ष द्वारा इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई भी एक्शन अभी तक नहीं लिया गया है,ऐसे में क्षेत्रीय जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है।
वनमंडला अधिकारी पंकज कमल इनका तो कार्य प्रणाली ही समझ से परे है सूरजपुर का इन्होंने जिम्मेदारी उठाई है फोन उठाना ही उचित नहीं समझते।