अज्ञात वाहन की ठोकर से वनकर्मी गंभीर चोट इलाज के दौरान मौत

द फाँलो न्यूज

ध्वस्त स्वास्थ्य सिस्टम ने सड़क दुर्घटना में घायल युवा वनकर्मी मिलन सिंह चौहान 32 वर्ष निवासी कदमपारा प्रतापपुर की जान ले ली। जवान बेटे की मौत से परिजनों में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, वहीं लापरवाही के लिए जिम्मेदार कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग उठने लगी है।

छ.ग. सूरजपुर जिला कें प्रतापपुर में दो दिनों पूर्व देर रात करीब एक बजे अपने सर्किल से वापस लौटते समय ग्राम गोटगवां के समीप मिलन सिंह वनकर्मी को अज्ञात वाहन की ठोकर से घायल हो गया था। उसे सिर, हाथ, पैर में गंभीर चोट आई थी। इसके बाद अज्ञात लोगों ने उसे एंबुलेंस के मदद से प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। घायल वन कर्मी के जेब में ही मोबाइल था। अस्पताल में उसे बेहोशी की हालत में भर्ती किया गया था। परिजनों के मुताबिक उसके घर नहीं लौटने पर मोबाइल पर कई बार फोन लगाया गया, मगर अस्पताल के असंवेदनशील कर्मचारियों ने मोबाइल उठा उन्हे घटना की जानकारी देना जरूरी नहीं समझा। अस्पताल में मिलन सिंह चौहान लावारिश हालत में पड़ा रहा। अस्पताल कर्मियों ने घटना की सूचना न तो पुलिस को दी और न ही उसके जेब में रखे मोबाइल के माध्यम से परिजनों को बताने की आवश्यकता समझी। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने असंवेदनशीलता की सारी हदें पार कर दी। घायल युवक अस्पताल में तड़पता रहा। बगैर इलाज मिलन की हालत और गंभीर हो रही थी, चिकित्सको ने सुबह उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में भी उसका लावारिश हालत में इलाज होता रहा। इधर उसे ढूंढते हुए परिजनों को आखिर उसका पता लगा पाने में कामयाबी मिली और परिजन भागते हुए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, पुत्र को अंबिकापुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया मगर दो दिन तक जीवन और मृत्यु से संघर्ष करते हुए मिलन सिंह चौहान ने आखिरकार अंतिम सांसे ले ली। इस संबंध में सूरजपुर सीएमएचओ

डॉ आरएस सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों से लापरवाही हुई है, संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई के साथ अस्पताल की व्यवस्था सुधारी जायेगी।

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