सूरजपूर:!जेल में पांच दिवसीय योग का समापन@..!

सूरजपुर:!जिले के जेल में 400 बंदियों के मानसिक तनाव दूर करने व् आगामी 21 जून को विश्व योग दिवस की पूर्व तैयारी हेतु 30 मई से 3 जून तक संचालित पांच दिवसीय योग शिविर का समापन शनिवार को किया गया! इस दौरान योग आयोग छत्तीसगढ़ शासन व युवा भारत के मुख्य योग शिक्षक संजय गिरि नें जेलर ए के शुक्ला की उपस्थिति में विश्व योग दिवस के समस्त प्रोटोकॉल के अभ्यास संगठन मन्त्र , गले कंधे कमर व् घुटनों के अभ्यास , खड़े होकर, बैठकर , पीठ – पेट के बल लेटकर किये जाने वाले आसनों के साथ मुख्य प्राणायाम व् ध्यान के अभ्यास निर्धारित समयानुकूल कराये! इस समापन अवसर पर गिरि नें समूचे बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि शरीर चेतना, मन – सभी का आधार प्राण है! बिना प्राण के जीवन असंभव है! शरीर की प्रत्येक कोशिका अपने आप में हमारा एक प्रतिरूप है अर्थात उसमें एक हमशक्ल ( क्लोन ) पैदा करने की क्षमता है।प्राण का तातपर्य श्वसन क्रिया से है। प्राण या ऑक्सीजन एक ही है! प्राणायाम शरीर के प्रत्येक अंग, सूक्ष्मतम अंग डीएनए तक होने वाले कार्यों को पूरी मात्रा में ऑक्सीजन देकर, शरीर के आतंरिक अंगों को व्यायाम देकर सम्पूर्ण आरोग्य देता है!ऑक्सीजेनेटेड ब्लड, इंटरनल एक्सरसाइज व पॉजिटिव लाइफस्टाइल यही तो है प्राणायाम।
प्राणायाम द्वारा हम मानसिक स्तर पर श्रद्धा, समर्पण, आस्था ,विश्वास एवं सकारात्मक चिंतन को जागृत कर एक स्वस्थ व चिंतामुक्त जीवन का प्रारंभ करते है!
इस अवसर पर बंदियों नें भजन प्रस्तुत कर सबका मनोरंजन किया और हर दिन योग- प्राणायाम करने का संकल्प लिया! शिविर का समापन शांतिपाठ के साथ किया गया। इस दौरान जरूरतमंद बंदियों को रोगानुसार योगाभ्यास व औषधियों की सलाह दी गयी।