परिवार के सदस्य व रिश्तेदारों के नाम से लाखों रुपये का फर्जी भुगतान..

सूरजपुर. रामानुजनगर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत दवना के कोसाबाड़ी में रेशम विभाग द्वारा संचालित टसर पालन केंद्र के मेट द्वारा मनरेगा के तहत अपने परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के नाम से लाखों रुपये का फर्जी भुगतान करने तथा नर्सरी पौधों के नाम पर डीएपी, यूरिया, पोटाश आदि का गबन किये जाने की शिकायत कलेक्टर के जनदर्शन में करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।ग्राम पंचायत दवना के सरपंच अमर सिंह के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों ने जनदर्शन में उक्ताशय की शिकायत की है। शिकायत में कोसाबाड़ी टसर पालन केंद्र के मेट सुखलाल राम यादव पर मनरेगा के तहत लाखो रुपये की मजदूरी का फर्जी भुगतान करने समेत भारी गड़बड़ी किए जाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। बता दें कि टसर पालन एक अहिंसक रेशम उत्पादन प्रक्रिया है। जिसमें जंगली टसर कीटों को अर्जुन और आसन जैसे पेड़ों पर खुले वातावरण में पाला जाता है, जबकि वे कोकून बनाते हैं। इसमें कीटों को कोकून में विकसित होने तक भोजन और सुरक्षा प्रदान की जाती है। जिसके बाद कोकून से रेशम निकाला जाता है। यह प्रक्रिया मानसून के मौसम में शुरू होती है, जिसमें जून और जुलाई में पहली और सितंबर-अक्टूबर में दूसरी फसल ली जाती है।टसर पालन की प्रक्रिया के बारे में बताया जाता है कि टसर कीट पालन के लिए सबसे पहले खेती स्थल की तैयारी की जाती है। इसमें घास और अन्य अनावश्यक वनस्पतियों को हटाया जाता है और जुताई-गुड़ाई की जाती है। जल संरक्षण और मृदा अपरदन को रोकने के लिए खेत के चारों ओर लगभग एक फुट ऊंची मेड बनाई जाती है। उसके बाद अर्जुन और आसन जैसे टसर के खाद्य पौधों को खेतों में लगाया जाता है। पत्तियों की बेहतर वृद्धि के लिए पौधों की नियमित रूप से छंटाई की जाती है। मानसून की शुरुआत में रेशमकीटों के अंडों को प्रक्षेत्र में छोड़ दिया जाता है। ये कीट खुले वातावरण में अर्जुन और आसन के पत्तों पर भोजन करते हैं और बड़े हो जाते हैं। लार्वा चरण पूरा करने के बाद रेशमकीट अपने चारों ओर एक कोकून बनाते हैं। कोकून का निर्माण पूरा होने के बाद इसे इकट्ठा किया जाता है। उसके पश्चात कोकूनों को नरम करने के बाद उनसे रेशम निकाला जाता है। जिसे बाद में संसाधित कर विभिन्न उत्पादों जैसे रेशमी वस्त्र बनाए जाते हैं।
टसर पालन में भ्रष्टाचार के आरोप, जांच की मांग,
नरेगा के तहत रेशम विभाग में संचालित कोसाबाड़ी टसर पालन केंद्र में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कलेक्टर से निष्पक्ष जांच करा दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि कथित अधिकारी के संरक्षण में टसर पालन के मेट सुखलाल राम यादव ने मजदूरी के नाम पर फर्जीवाड़ा करते हुए बिना मजदूरी अपनी पत्नी समेत दर्जन भर रिश्तेदारों के खातों में करीब चार लाख रुपये का भुगतान मनरेगा से किया गया है। शिकायत में नामजद भुगतान की गई राशि का उल्लेख किया गया है। शिकायत में मेट द्वारा भारी मात्रा में डीएपी,यूरिया,पोटाश आदि का गबन किए जाने का भी आरोप लगाया गया है।रेशम अधिकारी रोशन चंद्राकर ने बताया कि टसर पालन केंद्र करीब एक वर्ष पूर्व से बन्द है। जिस कारण मेट सुखलाल राम यादव को एक साल पूर्व से ही हटा दिया गया है।ग्रामीणों के शिकायत की जनपद सीईओ द्वारा जांच कराई जा रही है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।