डिजिटल अरेस्ट, महिला सुरक्षा वं ठगी से सावधान रहने किया जागरूक

74 ग्रामों में लगा पुलिस का चलित थाना...

  • सूरजपुर। आम जनता के शिकायतों का मौके पर निराकरण करने, डिजिटल अरेस्ट, साईबर अपराध से बचाव, यातायात नियमों के प्रति जागरूकता, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए अभिव्यक्ति ऐप के बारे में प्रचार-प्रसार तथा गांवों में पुलिस की सक्रिय और प्रभावी उपस्थिति एवं सूचना तंत्र को प्रभावी ढंग से विकसित करने के उद्देश्य को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर प्रशांत कुमार ठाकुर ने जिले के सभी थाना-चौकी प्रभारियों को प्रत्येक गांव में चलित थाना लगाने के निर्देश दिए है।
  • जिले की पुलिस के द्वारा पिछले 5 दिनों में विभिन्न शहरी, ग्रामीण सहित दुरस्थ 74 ग्रामों में चलित थाना का आयोजन कर नागरिकों को डिजिटल अरेस्ट व साइबर अपराध सहित सुरक्षा से जुड़े पहलुओं के प्रति जागरूक करते हुए कई शिकायतों का मौके पर ही निराकरण किया है। इसके साथ ही गांव में होने वाले किसी भी प्रकार के अपराध व अवैध कार्यो की सूचना तत्काल पुलिस को देने की हिदायत दिया है। पुलिस की इस अभियान से ग्रामीणों में उत्साह है और पुलिस के कार्यो में सहयोग के लिए अब वे आगे आ रहे है।
  • थाना-चौकी की पुलिस के द्वारा आयोजित चलित थाना के दौरान ग्रामीणों को म्यूल अकाउंट, डिजिटल अरेस्ट के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि डिजिटल अरेस्ट एक साइबर स्कैम है, जिसमें फ़र्ज़ी सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को डरा-धमकाकर पैसे वसूले जाते हैं। यह एक तरह का ऑनलाइन ब्लैकमेल है, डिजिटल अरेस्ट में, फ़र्ज़ी अधिकारी वीडियो कॉल पर लोगों को डराते-धमकाते हैं और उन्हें गिरफ़्तारी के झूठे बहाने से डिजिटल रूप से बंधक बना लेते हैं, इस दौरान वे लोगों से लगातार वीडियो कॉल पर बने रहने के लिए कहते हैं और पैसे ट्रांसफ़र करवाते रहते हैं। डिजिटल अरेस्ट की शुरुआत एक मैसेज या फ़ोन कॉल के साथ होती है। फ़र्ज़ी अधिकारी, पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स, आरबीआई, या दिल्ली या मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर बात करते हैं, वे लोगों को यह बताते हैं कि उनके पैन और आधार का इस्तेमाल करके तमाम चीज़ें खरीदी गई हैं या मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। कई बार यह भी दावा किया जाता है कि वे कस्टम विभाग से बोल रहे हैं और आपके नाम से कोई पार्सल आया है जिसमें ड्रग्स या प्रतिबंधित चीज़ें हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आसान भाषा में कहा जाए तो डिजिटल अरेस्ट में फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को डरा-धमकाकर उनसे बड़ी रकम वसूल कर लेते है।

    मौजूद ग्रामीण, महिलाओं व बच्चों को कानून की जानकारी देते हुए अपराध से बचने की समझाईश दी। वर्तमान दौर साइबर अपराध म्यूल अकाउंट, बैंक एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने तथा बैंक का अधिकारी अथवा कर्मचारी बनकर मोबाइल से आधार कार्ड एवं एटीएम कार्ड की गोपनीय जानकारी प्राप्त कर बैंक खातों से रकम पार करने की घटित हो रही घटनाओं की विस्तृत जानकारी ग्रामीणों को देते हुए ठगी का शिकार होने से बचने की सलाह दी। इसी क्रम यातायात नियमों की जानकारी देते हुए उसका पालन करने की अपील की। साईबर अपराध, महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानूनों, प्राकृतिक आपदा के मामले में राहत राशि, सहित विधिक जानकारियों से अवगत कराते हुए कहा कि पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है। महिला सुरक्षा के लिए अत्यंत उपयोगी अभिव्यक्ति ऐप के बारे में अवगत कराया। इसी क्रम में नशा न करने की समझाईश देते हुए नशे से होने वाली आर्थिक, सामाजिक एवं शारीरिक हानियों के बारे में अवगत कराया।

  • यहां लगाया गया चलित थाना

    एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देश के बाद थाना प्रतापपुर के ग्राम बगदा, खोरमा, चौकी रेवटी के ग्राम गोवर्धनपुर, चौकी खड़गवां के ग्राम मानपुर, केरता, जयनगर के ग्राम कोरया, हर्राटिकरा, चौकी करंजी के ग्राम केनापारा, चौकी तारा के ग्राम तारा, जनादनपुर, चौकी मोहरसोप के ग्राम कछिया, चौकी लटोरी ग्राम कसकेला, तुलसी, थाना भटगांव के ग्राम चुनगड़ी, सेवारीपारा, बंशीपुर थाना विश्रामपुर के शिवनंदनपुर, चौकी उमेश्वरपुर ने ग्राम जयपुर, तारकेश्वरपुर, थाना चांदनी ने ग्राम नवाटोला, थाना ओड़गी ने ग्राम रामपुर, थाना रामानुजनगर ने ग्राम पटना, थाना चंदौरा ने ग्राम डोमहत, चंदौरा, चौकी खड़गवां ने ग्राम खड़गवां, सुखदेवपुर, थाना सूरजपुर के ग्राम देवनगर, चंदरपुर सहित अन्य थाना-चौकी क्षेत्र के ग्रामों में 74 चलित थाना का आयोजन किया है। पुलिस के इस आयोजन में काफी संख्या में नागरिकों को डिजिटल अरेस्ट, साईबर अपराध म्यूल अकाउंट सहित विविध जानकारी देकर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया।

  • अवैध कार्यो की सूचना देने की अपील

    पुलिस अधिकारियों ने चलित थाना के दौरान ग्रामीणों को अवैध कारोबार, अवैध शराब, नशे के धंधे में लिप्त लोगों, जुआ खेलने वालों की सूचना देने की अपील किया ताकि उनके विरूद्ध सख्ती से कार्यवाही की जा सके। इस दौरान जनप्रतिनिधियों, सरपंच, पंच व ग्रामवासियों के सुझाव भी लिए गए। यातायात नियमों की जानकारी देकर उसका पालन करने, घटना-दुर्घटना की सूचना फौरन देने तथा सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद कर गुड सेमेटेरियन बनते हुए उन्हें तत्काल नजदीक के अस्पताल ले जाने हेतु प्रोत्साहित किया है।

  • यातायात के नियम की दी गई जानकारी

    युवाओं, ग्रामीणों, महिलाओं व बच्चों को यातायात नियम जिसमें दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग, चार पहिया वाहन में सीटबेल्ट बांधना, अपने साईड पर चलना, तेज गति से वाहन न चलाने, वाहन चलाते समय मोबाईल फोन का उपयोग न करने, शराब पीकर वाहन चालन न करने तथा यातायात संकेतों को दिखाकर संकेत का मतलब समझाया गया, यातायात के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी देकर जागरूक किया गया।

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