कब्र से निकला शव, मौत की गुत्थी उलझी,मौत सर्पदंश से हुई या पीलिया से..? रहस्य बरकरार…

सूरजपुर/ जिले में स्वास्थ्य विभाग का खुद का स्वास्थ्य खराब है व्यवस्था हाल बेहाल है। हालत यह है कि जीते जी तो फजीहत हो ही रही, धरती के भगवान की उपाधि पाने वाले डाक्टरो के कारण मरने के बाद भी फजीहत हो रही है। ऐसा ही एक मामला रामानुजनगर से सामने आया है। जिसमे एक बच्चे के शव को कब्र से निकाल कर पीएम कराना पड़ा है। यह समूचा मामला रामानुजनगर थाना क्षेत्र के ग्राम सरईपारा का है। जहाँ के राजलाल की साढ़े चार वर्षीय पुत्री की तबीयत सात अगस्त को देर रात १ बजे खराब हो गई थी। जिसे उपचार हेतु देर रात ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद बच्ची का पीएम कराया गया और मौत का कारण पीलीया बताया गया। जबकि बाद में परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्ची की मौत सांप के काटने से हुई है। परिजनों ने बताया कि बच्ची की मौत पर मिट्टी देने के बाद वापस घर आकर देखे तो बच्ची के बिस्तर के पास करैत सांप था। तर्क यह भी दिया कि बच्ची की जब तबीयत खराब हुई थी तो उसके मुंह से लार गजार निकल रहा था। उसने एक बार उल्टी भी की थी। इसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई। जहां कानुनी प्रकिया के बाद शव को कब्र से निकाल कर दुबारा पोस्टमार्टम कराया गया। गांव के सरपंच व पूर्व जनपद सदस्य ने भी सर्पदंश से मौत की आंशका जताई है। परिजनों की शिकायत पर तहसीलदार ने उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद शव को कब्र से निकालकर उसका पीएम कराया गया है। जहां परिजनों ने सर्पदंश से मौत की आंशका जताई है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा कीअसलियत क्या है..? जिले भर में सरकारी अस्पतालों की हालत बेहद खराब है। हाल ही भटगांव से जो मामला सामने आया था वह लापरवाही की हद थी इस मामले में दो लोगो को सस्पेंड भी किया गया है। रामानुजनगर की घटना भी कम चिंताजनक नहीं है डॉक्टर कह रहे पीलिया से मौत हुई है जबकि परिजन सर्पदंश की आशंका जता रहे और लक्षण भी बता थे तो सही कौन है? दूसरी बात पीलिया कोई एक दिन में मौत की वजह तो बनी नही होगी तो क्या मैदानी कार्यकताओं को इसकी भनक नही थी। जो भी इस मामले में जिम्मेदारो को गम्भीरता से सोंचना चाहिए।

Back to top button
error: Content is protected !!