जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में आयोजित हुआ..प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान

सूरजपुर। जिले के कलेक्टर एस. जयवर्केधन के निर्देशन वं मुख्य चिकित्सा वं स्वास्थ्य अधिकारी वं जिला कार्यक्रम प्रबंधक के मार्गदर्शन में आज जिले के समस्त विकासखंड, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वं जिला चिकित्सालय में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री सुरक्षित अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है जिसके तहत प्रत्येक माह की 9 एवं 24 तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रसव पूर्व जांच के दौरान देखभाल में गुणवत्ता सुधारनाl प्रसव पूर्व देखभाल में निम्न सेवाएं प्रदाय की जाती है।जैसे रक्त अल्पता, गर्भावस्था प्रेरित उच्च रक्तचाप, गर्भावधि मधुमेह आदि का उचित प्रबंधन। उन गर्भवती महिलाओं को जो की किसी भी कारण से अपनी प्रसव पूर्व जांच नहीं करा पाई, उन्हें अतिरिक्त अवसर प्रदान करना इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं को प्रदान किया जाता हैं l इस दिन प्रसव पूर्व जांच सेवाएं विशेषज्ञ चिकित्सक एवं चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा प्रदाय की जाती है। इस अभियान की शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि यदि हर एक गर्भवती महिलाओं का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं जांच उचित तरीके से कम से कम एक बार की जाए तथा इस अभियान का उचित पालन किया जाए तो, हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने मैं महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं ,साथ ही इस दिन उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं की पहचान एवं फॉलोअप करना अभियान के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। आज आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर के. डी . पैकरा ने जिला चिकित्सालय सूरजपुर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विश्रामपुर का निरीक्षण किया गया तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉक्टर प्रिंस जायसवाल के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजनगर का निरीक्षण किया गया।

आज अभियान के दौरान जिले के जिला चिकित्सालय वं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 766 गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन हुआ। जिसमें 154 उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाएं चिन्हित की गई। जिसमें 146 महिलाओं का सोनोग्राफी की गई।

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