हड़ताल से सात करोड का कोयला उत्पादन प्रभावित

सूरजपुर
लगातार – नोकरी व मुआवजा की मांग पर आंदोलनकारी अलिग
सूरजपुर – एसईसीएल – आमगांव ओपनकास्ट परियोजना के लिए पटना गांव के कृषकों की अधिग्रहित भूमि के बदले पात्र भूस्वामियों अथवा उनके आश्रितों को नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर ग्रामीणों की हड़ताल रविवार को तीसरे दिन भी जारी रही। हड़ताल की वजह से तीसरे दिन भी कोयला उत्पादन व परिवहन पूरी तरह ठप रहा। तीन दिनों में हड़ताल वजह से करीब सात करोड़ का सात सौ टन कोयला उत्पादन नहीं हो सका। कोयला उत्पादन एवं परिवहन बंद कर खदान के गेट पर धरना प्रदर्शन करते हुए बैठे ग्रामीणों ने रविवार को उनके पास पहुंचे सब एरिया मैनेजर एमके चौधरी को दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक नियुक्ति पत्र नहीं, तब तक कोयला उत्पादन नहीं। चौधरी ने उन्हें बताया कि५० लोगों को नौकरी देने की प्रक्रिया अक्टूबर माह में ही पूर्ण कर ली जाएगी। शेष लोगों को नौकरी देने की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर जारी है। उनका कहना है कि एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र की आमगांव ओपन कास्ट परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के बदले ४६४ ग्रामीणों अथवा उनके आश्रितों को नौकरी दी जानी है, लेकिन क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा अभी तक मात्र ३७ लोगों को नौकरी प्रदान की गई है। उनका आरोप है कि – उत्पादन व परिवहन ठेकेदार भी परेशान – हड़ताल की वजह से खदान में कोयला उत्पादन एवं ओवर वर्डन का उत्पादन करने वाले ठेकेदारों के साथ ही परिवहन ठेकेदार भी परेशान है और उन्हें आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। वही ई ऑक्शन के जरिए कोयला का उठाव करने वाले डीओ होल्डरों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नही हो सकी ब्लास्टिंग, अनहोनी की आशंका हड़ताल की जानकारी होने के बावजूद खान प्रबंधन द्वारा खदान में ओवर वर्डन उत्पादन के लिए खदान के ओबी बेंच में ब्लास्टिंग हेतु ३५० होल में बारूद डालकर छोड़ दिया गया है,लेकिन ग्रामीणों द्वारा उत्पादन बंद कर दिए जाने के कारण तीन दिन से ब्लास्टिंग कार्य नहीं किया जा सका है। इसकी वजह से अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
एसईसीएल प्रबंधन की लालफीताशाही के कारण समस्त दस्तावेज पूर्ण किए जाने के बावजूद ४२७ प्रभावित ग्रामीणों को लंबे समय से नौकरी के लिए एसईसीएल के क्षेत्रीय कार्यालय एवं जिला प्रशासन के कार्यालय में टक्कर काटना पड़ रहा है।