नेशनल लोक अदालत में 32 खण्डपीठों के माध्यम से किया गया मामलों का निपटारा

सूरजपुर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं छ०ग० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया। इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष, श्रीमती विनीता वार्नर को जाता है, जिनके कुशल नेतृत्व में यह आयोजन संपन्न हुआ।

यह नेशनल लोक अदालत सिर्फ जिला एवं सत्र न्यायालय तक सीमित नही थी, बल्कि इसमें कुटुम्ब न्यायालय, तालुका न्यायालय प्रतापपुर और जिले के सभी राजस्व न्यायालयों को भी शामिल किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य न्याय की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाते हुए, लंबित मामलों को आपसी सहमति से सुलझाना था।

लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला वं सत्र न्यायालय के कोर्ट रूम में हुआ, जहाँ श्रीमती विनीता वार्नर ने द्वीप प्रज्वलन कर इस न्याय पर्व की सुरूवात की इस अवसर पर सभी न्यायिक अधिकारी, वरिष्ट अधिवक्तागण, बैंक, नगरपालिका तथा विद्युत विभाग जैसे विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे, जो इस आयोजन के महत्व को दर्शाता है।

32 खण्डपीठों के माध्यम से त्वरित न्याय आम जनता को त्वरित न्याय दिलाने के लिए, लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों को संभालने के लिए 32 खण्डपीठों का गठन किया गया था। इन खण्डपीठों में सिविल वाद, मोटर दुर्घटना दावा, पारिवारिक विवाद, वर्षों से लंबित राजस्व मामले और बैंक बैंक ऋण, बिजली तथा जल के बकाया बिलों से संबंधित प्री-लिटिगेशन मामलों की सुनवाई हुई। इन खण्डपीठों ने मामलों को गहनता से समझा और दोनों पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास किया।10 वर्ष पुराने मामले का निपटारा इस लोक अदालत की एक सबसे बडी उपलब्धि यह रही कि वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग की, तकनीक का उपयोग करते हुए 10 वर्ष पुराना लंबित प्रकरण हुआ निराकृत, मामला सीआरए नं. 96/2015 सुधू राम बिंझिया विरूद्ध छ०ग० शासन जो बहु और चाचा ससुर के बीच शराब पीकर हुए लडाई का मामला था, जो वर्षों से माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में लंबित था आज वीडियों काफ्रेंसिग के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय के खण्डपीठ, माननीय न्यायाधिपति श्रीमती रजनी दुबे के न्यायालय से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्षकारों के मध्य जुडकर विना किसी भय, प्रलोभन के स्वेच्छा पूर्वक दोनो पक्षकारों ने समझौता कर मामले को समाप्त किया गया। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पक्षकारों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाई।

सामाजिक पहल दिव्यांगों को मिला सहार और स्वास्थ्य सेवा लोक अदालत ने सिर्फ कानूनी मामलों पर ही ध्यान नहीं दिया, बल्कि समाज काल्याण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और समाज कल्याण विभाग के समन्वय से 5 दिव्यांग व्यक्यिों को मोटराइज्ड सायकल, ट्रय सायकल और व्हीलचेयर प्रदान की गई, जो उनके जीवन को आसान बनाने में मदद करेंगी।

इसके अतिरिक्त, जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जिला चिकित्सालय सूरजपुर के सहयोग से एक स्वास्थ्य जाँच और रक्दान शिविर का भी आयोजन किया गया। इस शिविर से कई लोग लाभान्वित हुए।प्रकरणों के निराकरण हेतु जिले में कुल 32 खण्डपीठ गठित किये गये थे। नेशनल लोक अदालत में समस्त न्यायालयों से 2483 लंबित प्रकरण एवं 80291 प्री-लिटिगेशन प्रकरण विचारार्थ में रखे गये थे।

जिसमें कुल 65837 प्रकरण के पक्षकारों में आपसी समझौते के आधार पर सफलता पूर्वक निराकरण कर कुल 84892225/- रूपये का जिला सूरजपुर द्वारा अवार्ड पारित किया गया। लोक अदालत में कुल 65837 प्रकरणों से संबंधित पक्षकारगण लाभान्वित हुये।

 

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