ग्राम पुतकी में लगा BSNL टावर तीन साल से शोपीस..

नेटवर्क चालू न होने से ग्रामीणों में आक्रोश, छात्रों से लेकर किसानों तक प्रभावित पुतकी:

शशि जायसवाल

सूरजपुर सरकार डिजिटल इंडिया और ग्रामीण इलाकों तक संचार सुविधा पहुँचाने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन सूरजपुर जिले के ग्राम पुतकी की हकीकत इन दावों को खोखला साबित कर रही है। गांव में बीएसएनएल का विशाल टावर लगभग तीन वर्ष पूर्व खड़ा किया गया था। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अब उन्हें बेहतर नेटवर्क और इंटरनेट सुविधा मिलेगी, लेकिन तीन साल गुजरने के बाद भी टावर चालू नहीं हुआ है। इससे ग्रामीण आज भी नेटवर्क की समस्या से जूझने को मजबूर हैं।

छात्रों की पढ़ाई पर असर

गांव के छात्र-छात्राओं का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में नेटवर्क न होने से वे पिछड़ रहे हैं। आवेदन पत्र भरने और परिणाम देखने के लिए उन्हें कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।

किसानों को भी दिक्कतें

किसान भी परेशान हैं। उन्हें मौसम की जानकारी, फसल बीमा, सरकारी योजनाओं और खरीदी व्यवस्था से जुड़ी सूचनाएँ समय पर नहीं मिल पातीं। किसान रामलाल का कहना है— “जब सरकार डिजिटल साधनों से किसानों तक योजनाएँ पहुँचाने की बात करती है, तो हमारे गांव को क्यों भुला दिया गया?”

आपातकाल में संकट

गांव की महिलाएँ और बुजुर्ग बताते हैं कि आपात स्थिति में डॉक्टर या परिजनों से संपर्क करने तक में घंटों की मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाता।

ग्रामीणों का आक्रोश और आंदोलन की चेतावनी

ग्रामवासियों ने बताया कि कई बार विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लाखों रुपये खर्च कर लगाया गया टावर अब ग्रामीणों की नाराजगी का कारण बन चुका है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही नेटवर्क सुविधा शुरू नहीं की गई तो वे सामूहिक आंदोलन करेंगे।

प्रशासन और BSNL से सवाल

ग्रामीण पूछ रहे हैं कि जब टावर लगाया गया तो उसका संचालन क्यों नहीं किया गया? क्या यह केवल ठेकेदार और अधिकारियों की खानापूर्ति थी या फिर लापरवाही का नतीजा? लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन और बीएसएनएल अधिकारी इस मामले में तुरंत संज्ञान लें और पुतकी गांव में नेटवर्क सुविधा चालू करवाएँ।

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