राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम

सूरजपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस National Legal Services Day के महत्वपूर्ण अवसर पर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सूरजपुर ने समाज के वंचित और कमजोर वर्गों तक कानूनी जागरूकता पहुँचाने के उद्देश्य से 8 एवं 9 नवंबर 2025, दो दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान के रूप मना रहा है। यह पहल माननीय अध्यक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश,श्रीमती विनीता वार्नर के दूरदर्शी मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक 8 नवंबर प्रथम दिवस का कार्यक्रम संपन्न हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत दो अलग-अलग स्थानों पर हुई: शासकीय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय बंजा छात्र-छात्राओं के लिए और ग्राम पंचायत जूर ग्रामीणों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए। दोनों ही कार्यक्रमों की अध्यक्षता माननीय आनंद प्रकाश वारियाल, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, सूरजपुर ने की, जिन्होंने मुख्य वक्ता के रूप में कानूनी प्रावधानों का सरल भाषा में विश्लेषण किया।बच्चों को POCSO और डिजिटल सुरक्षा का पाठ एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में वारियाल ने बच्चों को उनके खिलाफ होने वाले अपराधों से बचाने वाले महत्वपूर्ण कानूनों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 POCSO के प्रावधानों को समझाते हुए बताया कि नाबालिकों के यौन शोषण या उत्पीड़न से संबंधित हर कृत्य गंभीर अपराध है।उन्होंने बच्चों के लिए विवाह की कानूनी उम्र लड़की- 18 वर्ष, लड़का- 21 वर्ष पर जोर दिया, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि नाबालिग लड़की को परिजन की अनुमति के बिना ले जाना अपहरण Kidnapping के तहत एक गंभीर दंडनीय अपराध है।साइबर सुरक्षा पर विशेष चेतावनी:आज के डिजिटल युग की चुनौतियों को देखते हुए, न्यायाधीश ने बच्चों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल में अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा,किसी की भी फोटो या वीडियो को बिना उनकी अनुमति के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छेड़छाड़ करके शेयर करना आईटी एक्ट के तहत एक दंडनीय अपराध है। सोशल मीडिया पर आपकी एक गलती आपको कानूनी पचड़े में डाल सकती है।उन्होंने छात्रों को वर्तमान में हो रहे साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीकों से भी अवगत कराया, जिसमें किराए पर बैंक खाते लेकर ठगी करने वाले गिरोहों की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला।इसके अतिरिक्त,उन्होंने रैगिंग Ragging को एक गंभीर अपराध बताया, जो खासकर आवासीय विद्यालयों,छात्रावासों और कॉलेजों में होता है, और जिसके लिए सजा व जुर्माना दोनों का प्रावधान है।
जूर में वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण अधिकारों पर जागरूकता ग्राम पंचायत जूर में आयोजित कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 रहा। न्यायाधीश ने उपस्थित माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराया।उन्होंने वसीयत Will संबंधी एक महत्वपूर्ण कानूनी सलाह दी: वसीयत लिखते समय यह खंड अवश्य शामिल करें कि यदि संपत्ति का उत्तराधिकारी उनका ठीक से पालन पोषण नहीं करता है, तो उसे संपत्ति न मिले।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति उनके जीवनकाल में उन्हीं के नाम रहे।
उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए भरण पोषण हेतु दावा करने की सरल प्रक्रिया की भी जानकारी दी।
निशुल्क विधिक सहायता और NALSA की सेवाएं
श्री वारियाल ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत प्राप्त होने वाली निशुल्क विधिक सेवा और सहायता के महत्व को समझाया, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग न्याय तक आसानी से पहुँच सके। उन्होंने नालसा NALSA की टोल फ्री नंबर 15100 की सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा, बाल विवाह, प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराने की प्रक्रिया,चोरी पर सजा के प्रावधान और नालसा की नवीन योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यक्रम में भागीदारी इस दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम के पहले दिवस में पुलिस विभाग की ओर से चौकी बसदेई ने सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की। पुलिस विभाग द्वारा सायबर सुरक्षा वं यातायात जन जागरूकता अभियान से लोगों को सचेत किया । कार्यक्रम में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय बंजा के प्राचार्य वं सभी शिक्षक, चौकी बसदेई से प्रधान आरक्षक वं उनके साथी आरक्षक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर से अधिकार मित्र सत्य नारायण और उमेश कुमार रजवाड़े सहित विद्यालय के बच्चे और ग्राम जूर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
