मुण्डन संस्कार,जागरण व भण्डारे के साथ शीतला माता मंदिर का मना वार्षिकोत्सव। दो दिन चला धार्मिक आयोजन

सूरजपुर। नगर के मानहेरू महलवाला परिवार के द्वारा संचालित शीतला माता मंदिर महुआपारा का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव मुण्डन संस्कार, रात्रि जागरण व भण्डारे के साथ संपन्न हुआ। शीतला माता मंदिर के वार्षिकोत्सव के पहले पूजा के दिन ठंडा खाना खाने की परंपरा के बीच यह त्योहार बासोड़ा के रूप में मनाया गया। पूजा-अर्चना व माता की धोक व बच्चों के मुण्डन संस्कार से प्रारंभ हुआ आयोजन दूसरे दिन भण्डारे के उपरांत पूर्ण हुआ। इस दौरान पहले दिन सोमवार को पूजा, मुण्डन संस्कार व कलाकारों के द्वारा शीतला माता का जगराता, संकीर्तन का आयोजन हुआ। दूसरे दिन माता की धोक के साथ पूजा-अर्चना व इसके पूर्व चुनरी अर्पण के साथ ही भण्डारे का आयोजन प्रसाद के रूप में किया गया। उल्लेखनीय है कि विगत 20 वर्ष पूर्व मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी और तब से लेकर प्रतिवर्ष यहां भव्य आयोजन के रूप में वार्षिकोत्सव मनाया जाता है। देश से माता के मंदिर से ईंट लाकर वर्षों पूर्व शीतला माता मंदिर की आधारशिला रखी गई थी। बड़ा परिवार होने से प्रति वर्ष मुण्डन संस्कार के लिए बच्चों की संख्या बढ़ने और हरियाणा जाकर संपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान करने को लेकर पूर्वजों की सलाह और सुविधाओं को मद्देनजर रख नगर में मंदिर का निर्माण कराया गया है। जहां प्रति वर्ष होली के उपरांत पहले सोमवार को समस्त परिवार के लोग बासी खाना खाते हैं और माता शीतला की पूजा-अर्चना पूरे विधि-विधान से की जाती है। पिछले कई वर्षों से माता का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में पारिवारिक सदस्यों के बच्चों का मुण्डन संस्कार कार्यक्रम संपन्न होता है। आयोजन को सफल बनाने में परिवार के बैजनाथ अग्रवाल, लालचंद अग्रवाल, महावीर अग्रवाल, शंकरलाल अग्रवाल, गिरधारी लाल अग्रवाल, विष्णुराम अग्रवाल, ज्ञानीराम अग्रवाल, विजय अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल, प्रहल्लाद अग्रवाल, बांके बिहारी अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, अवधेश अग्रवाल, राजेश महलवाला, पवन अग्रवाल, महेश अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, जितेन्द्र अग्रवाल, हितेश अग्रवाल, कालीचरण अग्रवाल, संदीप अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, पवन अग्रवाल, चिंटू अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, टीटी बाबा, संस्कार अग्रवाल, नीटू अग्रवाल, यश, प्रणव, श्रेष्ठ, संस्कार सहित परिवार के सूरजपुर, बिश्रामपुर, सूरत, अम्बिकापुर, सलका, मनेन्द्रगढ़, बिलासपुर, रायपुर, पेण्ड्रा, जयनगर व अन्य स्थानों से मानहेरू व महलवाला परिवार के बड़ी संख्या में पारिवारिक सदस्य माता के दो दिवसीय आयोजन में जुटे।

सबसे पहले कन्या का होता है मुण्डन संस्कार
शीतला माता मंदिर में मुण्डन संस्कार की अपनी प्राचीन परंपरा के बीच सबसे पहले परिवार की कन्या का ही मुण्डन संस्कार होता है। इस वर्ष भी बिलासपुर से परिवार के सदस्य विनोद प्रतिमा अग्रवाल के पुत्र व पुत्रवधु मिखिल श्रुति अग्रवाल की पुत्री अनायसा का सबसे पहले मुण्डन संस्कार पूर्ण कराया गया। ऐसी मान्यता है कि कन्या को देवी स्वरूपा माना गया है और इसी कारण इस धार्मिक कार्य में सबसे पहले कन्या का ही मुण्डन कराये जाने की परंपरा है।

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