एसईसीसी 2011 अनुसार प्राथमिकता के आधार पर पात्र हितग्राहियों का किया जा रहा है आवास स्वीकृत

जिले को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2807 आवासों का नया लक्ष्य दस्तावेज कलेक्शन, टैगिंग, पंजीयन या स्वीकृति के नाम पर नहीं लगता कोई शुल्क,कोई मांग करे, तो तत्काल करें शिकायत’

सूरजपुर राज्य कार्यालय से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जिले को वर्गवार कुल 2807 आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। कलेक्टर इफ्फत आरा के निर्देशन व सीईओ जिला पंचायत लीना कोसम के मार्गदर्शन में जिले को प्राप्त लक्ष्य को जनपदवार तथा वर्गवार बांटते हुए, स्वीकृति करने का कार्य निरंतर जारी है।उक्त तारतम्य में ग्राम पंचायत के माध्यम से एससीसी 2011 के अनुसार तैयार सूची में प्राथमिकता के आधार पर आ रहे नामों का हितग्राही से दस्तावेज कलेक्शन जैसे- आधार कार्ड, बैंक पास बुक, मनरेगा जॉब कार्ड व मोबाइल नंबर लिया जा रहा है साथ ही साथ हितग्राही के पूर्व निवासरत स्थल व आवास निर्माण कराने वाले स्थल के जियो टैगिंग का कार्य भी किया जा रहा है। इसके पश्चात जनपद,जिले के माध्यम से पंजीयन व स्वीकृति का कार्य किया जा रहा है। आवास स्वीकृति या उपरोक्त कार्य में किसी भी स्तर पर कोई शुल्क नहीं लगता है। हितग्राही किसी के बहकावे में आने से बचे। उन्हें केवल जल्द से जल्द डाटा उपलब्ध कराना है और आवास स्वीकृति उपरांत आवास पूर्ण कराना है।
आवास के लिए नाम पूर्व से ही एसईसीसी 2011 के अनुसार निर्धारित है, इनके स्थाई प्रतीक्षा सूची का अवलोकन ग्राम पंचायत कार्यालय में दीवाल लेखन, ग्राम सचिवालय के माध्यम से किया जा सकता है। हितग्राही कहीं भी राशि देने से बचे, आपका नाम दर्ज है, तो आवास मिलेगा।विभाग द्वारा यह भी बताया गया कि पूर्व में विगत पांच वर्षो के 10303 आवास पूर्ण किए जाने हेतु शेष है, जिसमें जनपद पंचायत भैयाथान से 2193, ओड़गी से 2109, प्रतापपुर से 219, प्रेमनगर से 1614, रामानुजनगर से 1649 तथा सूरजपुर से 2519 आवास लंबित है। वर्तमान में आवास की राशि हितग्राहियों के खातों में हस्तांतरित हो रही है अर्थात् जो भी हितग्राही प्राप्त राशि का उपयोग करते हुए, आवास निर्माण कार्य पूर्ण करा ले रहे है, उनको तत्काल अगली किस्त की राशि उनके खातों में प्राप्त होती जा रही है। अभी की स्थिति निर्माण की दृष्टि से अनुकूल होने के साथ साथ आवास की राशि भी तुरंत मिल रही है, तो सभी अपना लंबित आवास पूर्ण कर लेवें।

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