ऑपरेशन मुस्कान के तहत बिहार से अपहृत बालक को किया दस्तयाब
समस्तीपुर रेलवे स्टेशन के पास ठेला पर फल बेचते मिला बालक।

सूरजपुर। गुमशुदा नाबालिग बच्चों के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए इनकी खोजबीन हेतु विशेष अभियान ऑपरेशन मुस्कान चलाया जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में सूरजपुर पुलिस ने 13 वर्ष से गुम नाबालिक अपहृत बालक को सूझबूझ वं अच्छी पुलिसिंग के बदौलत बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन से दस्तयाब किया है। दरसल दिनांक 09/08/2017 को थाना ओड़गी क्षेत्र अन्तर्गत एक व्यक्ति ने थाना ओड़गी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसका 15 वर्षीय लड़का वर्ष 2012 से घर से बिना बताए कहीं चला गया है। प्रार्थी की रिपोर्ट पर गुम इंसान कायमी उपरान्त धारा 363 भादवि का मामला पंजीबद्व किया गया।परेशन मुस्कान के तहत गुमशुदा बालक-बालिकाओं के मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी प्रशांत कुमार ठाकुर ने जिले के थाना-चौकी प्रभारियों को गुमशुदा वं अपहरण के मामले में हर संभव प्रयास कर नई तकनीक की मदद वं छोटी-बड़ी सुराग हासिल कर अपहृत को दस्तयाब करने के निर्देश दिए है। थाना ओड़गी पुलिस के द्वारा अपहृत बालक की लगातार खोजबीन की जा रही है कि किन्तु कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा था इसी बीच थाना ओड़गी की पुलिस टीम अपहृत बालक के पिता को साथ लेकर बनारस, प्रयागराज के हास्पिटल, रेलवे-बस स्टेशन, आश्रम सहित विभिन्न स्थानों पर जाकर वं टैक्सी चालकों को अपहृत बालक का फोटो दिखाकर पता तलाश किए किन्तु सफलता नहीं मिली। अपहृत की पतासाजी में पुलिस टीम बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पहुंची जहां अपहृत बालक के पिता के द्वारा एक लड़का को ठेला में फल बेचते देख उसे अपने लड़के जैसा दिखना पुलिस टीम को बताये जाने पर सभी अपहृत बालक के पास पहुंचे जहां अपहृत बालक अपने पिता को देखकर पहचान लिया। बालक अपने घर से 13 वर्ष पहले निकला था जिसका कद-काठी और चेहरा बदल गया था। अपहृत बालक जो अब 25 वर्ष को हो चुका है उसे पुलिस टीम दस्तयाब कर वापस लेकर दिनांक 22/07/2025 को ओड़गी पहुंची। दस्तयाब किए गए गुम बालक को विधिवत उसके परिजनों को सुपुर्द किया गया इस दौरान परिजनों के चेहरे में खुशी की लहर देखी गई और उनके द्वारा सूरजपुर पुलिस के प्रति आभार जताया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी ओड़गी फर्दीनंद कुजूर, एएसआई अमरेश सिंह, आरक्षक जितेन्द्र पटेल वं अमरेन्द्र दुबे सक्रिय रहे।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो ने बताया कि करीब 13 वर्ष पूर्व 15 वर्षीय अपहृत बालक घर से बिना बताए अपनी मर्जी से निकला था जो विभिन्न स्थानों पर मांग खाकर, आश्रम में रहकर जीवन यापन करते रहा और थोड़ा बड़ा होने पर ठेला में फल बेचने का काम करते रहा। बालक की खोजबीन में पुलिस टीम जैसे ही बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पहुंची वहीं पास में ठेला में फल बेच रहे लड़के को देखकर उसके पिता के द्वारा पहचान कर पास जाने पर बालक भी अपने पिता को पहचान लिया। जिले की पुलिस प्रत्येक ऐसे मामलों पर संवेदनशीलता के साथ पतासाजी में लगी हुई है।