महिलाएं,टसर रेशम धागाकरण से हो रही अच्छी आमदनी

द फाँलो न्यूज
रायपुर – छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करते हुए उन्हें नवाचार, स्व-रोजगार और उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित कर रही है. इसी कड़ी में सरगुजा जिले में 14 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क संचालित हैं जहां 200 से भी ज्यादा महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है. घरेलू काम-काज में व्यस्त रहने वाली महिलाएं आज शासन की मदद से स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो गई हैं, महिलाएं जहां एक ओर घर-परिवार की जिम्मेदारी निभा रहीं हैं, वहीं दूसरी ओर स्व-सहायता समूह से जुड़कर अच्छी आमदनी भी कमा कर घर को आर्थिक संबल भी प्रदान कर रही हैं ऐसा ही एक उदाहरण पेश कर रहीं हैं सरगुजा जिले के विकासखण्ड लखनपुर के रीपा गौठान पुहपुटरा की स्व सहायता समूह की महिलाएं. महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना के तहत गौठान में टसर धागाकरण का काम शुरू किया गया है. कार्य के लिए इच्छुक समूह की 20 महिलाओं का चयन कर जिला प्रशासन द्वारा उन्हें मशीन और अन्य आवश्यकताओं के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किया गया समूह की दीदी मीना राजवाड़े बताती हैं कि धागाकरण के लिए रेशम विभाग के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया. महिलाओं ने रुचि लेकर उत्साहपूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया. प्रशिक्षण के बाद रेशम विभाग द्वारा टसर ककून खरीदकर हमने स्वयं धागा निकालना प्रारंभ किया और मात्र 2 महीने में ही समूह के द्वारा लगभग 2 किलोग्राम टसर धागा निकाला गया है. धागा बेचकर हमने अब तक 11 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त की है. उन्होंने बताया कि रेशम धागाकरण की सबसे अच्छी बात यह है कच्चे माल और उससे निकाले गए धागे के विक्रय के लिए इन्हें कोई बाजार तलाशना नहीं पड़ता, रेशम विभाग का ककून बैंक स्वयं क्रय-विक्रय कर नकद भुगतान प्रदान करता है
उद्यमिता विकास का जरिया बना रीपा
समूह की अन्य महिलाएं बताती हैं कि अब हमें गांव से बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ती, शासन के मदद से घर संभालने के साथ ही साथ हम आर्थिक रूप से भी समृद्धि हो रहे हैं. उन्होंने इस के लिए शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया है. महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क आज गांवों में स्थानीय रोजगार !
और उद्यमिता विकास का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है. इनसे जुड़कर महिलाएं, युवा, किसान और मजदूरों समेत हर वर्ग के लोग आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं !