पानिका समाज की विशाल रैली: OBC से ST में शामिल होने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार

 

द फाँलो न्यूज

सूरजपुर – पनिका समाज ने प्रधानमंत्री वं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर पनिका जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने की मांग की है। अविभाजित मध्यप्रदेश में पनिका जाति अजजा में शामिल था। 1971 में,पनिका जाति केवल दतिया,टीकमगढ़, छतरपुर पन्ना,सतना,रीवा,सीधी तथा शहडोल जिलों के लिये ही आदिवासी जाति घोषित की गई 8 जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में अजजा वर्ग से वंचित कर दिया गया। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से ही पनिका समाज के लोग आदिवासी वर्ग में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में पानिका समाज को आदिवासी वर्ग का दर्जा दिया गया है इनका मांग है की छत्तीसगढ़ में भी समाज को आदिवासी का दर्जा दिया जाए। समाज के लोगों का कहना है मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य निर्मित हुआ है उक्त मध्यप्रदेश शासन,आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग वल्लभ भवन भोपाल 462004 के पत्र क्रमांक एफ 7-04 / 2004 / 25-5 दिनांक 17 फरवरी 2004 द्वारा मध्यप्रदेश राज्य की पनिका जनजाति को संपूर्ण मध्यप्रदेश में अधिसूचित किये जाने बाबत् पत्र अनुशंसा सहित सचिव भारत सरकार अनुसूचित जनजाति कार्य मंत्रालय शास्त्री भवन नई दिल्ली को लिखा गया था।पनिका जाति की संपूर्ण छत्तीसगढ़ में आबादी लगभग 12 लाख अनुमानित है जो कमोबेश छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में व्याप्त है। छत्तीसगढ़ की 90 में से लगभग 25 विधानसभा क्षेत्रों में पनिका, जाति के मतदाताओं की निर्णायक संख्या है। लेकिन पनिका जाति सामाजिक शैक्षणिक, आर्थिक, राजनैतिक आदि दृष्टियों से पिछड़ी हुई है और सत्ता संगठन सभी पक्षों से उपेक्षित तिरस्कृत है। समाज की मांग है की हम जहाँ थे हमे वही अर्थात 1971 के पूर्व की भांति ही प्राथमिकता के आधार पर यथाशीघ्र पनिका पनका जाति को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में 8 दिसम्बर 1971 के पूर्ववत अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया जाए।

कार्यक्रम को सफल बनाने में पनिका समाज शक्ति’ उत्थान समिति जिला कोषाध्यक्ष बिहारी लाल कुलदीप,जिला उपाध्यक्ष राजू देवांगन, जिला सचिव शम्भुनारायण देवांगन,मीडिया प्रभारी बिजेंद्र देवांगन,हजारों कार्यकर्ता व ग्राम तथा नगर ब्लॉक के सामाजिक पदाधिकारी उपस्थित थे।

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