राष्ट्रहित के लिए गौ-माता कब होगी राष्ट्र माता के रूप में स्थापित-रामलला सरकार

सूरजपुर।मानव कल्याण व राष्ट्रहित के लिए सनातन यात्रा के ध्वजवाहक रामलला सरकार ने सूरजपुर साधुराम सेवा कुंज में पत्रकारों से भेंट मुलाकात करते हुए कहा कि गौ माता जिसके कारण धरा,धर्म गर्वित है और आनंदित है, जो स्वयं देवी-देवता है, उनको राष्ट्र माता के रूप में कब स्थापित करेंगे। कैसे भारत विश्व गुरू बनेगा और सनातन धर्म से हिन्दू व हिन्दूत्व को खतरा नहीं, दुकान चलाने वालों को खतरा है। सनातन धर्म को लेकर देश भर में भ्रमण कर रहे रामलला सरकार आयोध्या इन दिनों छत्तीसगढ़ प्रदेश में हैं। विगत 15 वर्षों से सनातन यात्रा के रूप में राष्ट्र हितकारी, धर्म व समस्त सृष्टि में श्रीराम का वर्चस्व को लेकर अपनी बातों को मुखरता से रखने वाले संत रामलला सरकार ने चर्चा में राष्ट्र हित, मानव कल्याण, सनातन यात्रा, सनातन धर्म और उसके लक्ष्य उद्देश्य तथा संकल्प को लेकर काफी सारगर्भित चर्चा की और कहा कि आज सनातन धर्म को खतरे में बताने वालों के लिए खुली बात है कि सनातन धर्म को न तो कोई मिटा सका है और न ही मिटा सकता है। जिस सनातन धर्म में स्वयं भगवान ही सनातन धर्म है, उसे किसी बात का खतरा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सनातन धर्म को लेकर जिनकी दुकानदारी चल रही है, उनको खतरा है। हिन्दू राष्ट्र और विश्व गुरू को लेकर हुई चर्चा में कहा कि जब तक एक-दूसरे को ईश्वर की संतान नहीं मानेंगे तब तक विश्व गुरू की बात बेमानी है। स्वयं को मां भारती के चरणों का सेवक और श्रीराम के लिए सब कुछ का बल देने वाले श्रीरामलला सरकार ने कहा कि गौ माता के अश्रु गिर रहे हैं, हजारों बूचड़खाने जीवित हैं। ऐसे में देश का दुर्भाग्य जागृत हो जाएगा, अगर गौ माता को राष्ट्र माता के रूप में स्थापित नहीं किया गया तो। सनातन धर्म भगवान है और हर इंसान और जीव-जन्तु में भी भगवान हैं, हर इंसान में सनातन है की व्याख्या करते हुए उन्होंने भजनों और भगवान श्रीराम की गुणगान करते हुए अपनी यात्रा वृतांत को साझा किया और कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में ही महामाया धाम बनाने की आकांक्षा है। इस दौरान बड़ी संख्या में नगरवासी, गणमान्यजन सेवाकुंज में रामलला सरकार के दर्शनों व भेंट मुलाकात के लिए उपस्थित थे।
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हजारों बूचड़खाने आज भी संचालित

उन्होंने कहा कि आज भी हजारों बूचड़खाने संचालित हो रहे है और सरकार मौन है। आखिर क्यों गौमाता रो रही है। कब मिलेगा उन्हे राष्ट्र माता का दर्जा।जिससे पुर धरा गौरान्वित है। भगवान का इनमें वास है वो गौ माता आज परेशान है।

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