विवादों में बीजेपी का सेवा पखवाड़ा,बांट दिया गया एक्सपायरी जूस
सेवा के नाम पर स्वास्थ्य से खिलवाड़ का आरोप

सूरजपुर। भाजपा इन दिनों पूरे देशभर में सेवा पखवाड़ा मना रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को सूरजपुर जिले के अग्रसेन चौक पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में आम लोगों को निःशुल्क दवाएं बांटी गईं और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर फल व जूस का वितरण किया गया।लेकिन कार्यक्रम के बीच ही विवाद खड़ा हो गया, जब मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें जो मैंगो जूस दिया गया, उसकी एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी। मजदूरों का कहना है कि सेवा के नाम पर उनके साथ सीधा स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया गया है।
मजदूरों का आरोप और हड़कंप
मौके पर मौजूद मजदूरों ने बताया कि वे गरीब हैं, जो मिलता है उसे ले लेते हैं। लेकिन जब उन्हें पता चला कि जूस एक्सपायर है तो उनके बीच डर और अफरा-तफरी मच गई। कई लोग कहने लगे कि यह सेवा नहीं बल्कि “हमारी जिंदगी से खिलवाड़” है। कुछ मजदूरों ने तो यह भी कहा कि अगर नेताओं पर ही भरोसा नहीं किया जा सकता तो फिर जनता किसके पास जाएगी।
जैसे ही यह बात फैली, लोगों में हड़कंप मच गया। कई लोगों ने मीडिया के सामने अपनी नाराजगी जताई। मजदूरों का कहना था कि गरीबों की जिंदगी से इस तरह मजाक करना बेहद गैरजिम्मेदाराना रवैया है।
जिम्मेदारों की चुप्पी और विपक्ष का हमला
कार्यक्रम के आयोजकों या बीजेपी नेताओं की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार और पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सेवा पखवाड़ा सिर्फ दिखावा है और गरीब मजदूरों को जहर पिलाना बीजेपी की कार्यशैली का जीता-जागता उदाहरण है।
वहीं, आम जनता में भी यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर किसकी जिम्मेदारी थी यह जांचने की कि लोगों को बांटा गया सामान सुरक्षित है या नहीं।
सोशल मीडिया पर बहस
यह मामला अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन चुका है। स्थानीय पत्रकारों और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स ने तस्वीरें साझा करते हुए सवाल उठाए हैं कि अगर सेवा पखवाड़ा इसी तरह मनाया जाएगा तो जनता का भरोसा कौन बहाल करेगा।
बड़ा सवाल
बीजेपी का उद्देश्य सेवा पखवाड़ा के जरिए जनता तक पहुंचने और उनकी मदद करने का था। लेकिन सूरजपुर का यह मामला इस पूरी पहल पर सवाल खड़े कर रहा है। अगर सेवा के नाम पर ही लापरवाही होगी तो फिर जनता भरोसा किस पर करेगी?
फिलहाल सूरजपुर के लोग यही मांग कर रहे हैं कि इस घटना की जांच हो और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए। क्योंकि सेवा का मतलब दिखावा नहीं बल्कि ईमानदारी और संवेदनशीलता है।