एक शिक्षक दो राज्यो के स्कूलों में है पदस्थ..
मध्यप्रदेश वं छत्तीसगढ़ के स्कूलों में सेवाएं दे रहा? दोनों राज्यो से नियमित वेतन मिल रहा...

सूरजपुर /आज के युग कलयुग में कुछ भी असंभव नही है अजब गजब के कारनामे सामने आते रहते है। धोखा फरेब, सरकारी तंत्र को आसानी से तोड़ कर कुछ भी किया जा सकता है। सूरजपुर जिले के दुरस्थ अचल बिहारपुर चांदनी के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी वं हिन्दी माध्यम विद्यालय में पढ़ाने वाले एक शिक्षक बहुत बड़े गुरु घंटाल निकले। दो राज्यो के जिला प्रशासन मेहरबान है। यह गुरु घंटाल गुरुजी का नाम राजेश कुमार वैश्य है जो मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले ग्राम मकरोहर के रहने वाले और वही के निवासी है।गुरु घंटाल शिक्षक मध्यप्रदेश के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मकरोहर में भी पढ़ाते है और छत्तीसगढ़ के जिला सूरजपुर के बिहारपुर स्थित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम विद्यालय में पढ़ाते है। दो दो जगहों पर नॉकरी कर रहे वह भी अलग अलग राज्यो में..? 4 सालों से पढ़ा रहे शिक्षक का फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद हड़कम्प मच गया है। गौरतलब है कि ग्राम मकरोहर मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले का अंतिम गांव है और बिहारपुर से लगा हुआ है। मकरोहर के ग्रामीण अपनी दैनिक जरूरतों के सामानों की खरीदी करने अक्सर बिहारपुर आते जाते रहते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए मकरोहर निवासी राजेश कुमार वैश्य आ. कृष्ण कुमार वैश्य ने अपनी पहुँच से ग्राम मकरोहर के साथ ही छत्तीसगढ़ के बिहारपुर तहसील का निवास प्रमाण पत्र हासिल कर लिया है तथा पिछले चार सालों से एक साथ ग्राम मकरोहर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं बिहारपुर स्थित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम विद्यालय में अतिथि शिक्षक के पद पर पदस्थ है। ग्राम मकरोहर स्थित हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन सुबह 10.30 से 4 बजे तक होता है वहीं बिहारपुर स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल का संचालन दो पालियों में होता है।प्रथम पाली में सुबह 8.0 से 12 बजे तक युवक अपनी सेवाएं देता है। ग्रामीणों का कहना है कि वह सुबह 8 बजे स्वामी आत्मानंद स्कूल में उपस्थित होता है तथा दोपहर ग्राम मकरोहर स्थित हावर सेकेण्डरी स्कूल में उपस्थित होता है और उपस्थिति पंजी में अपनी हाजिरी भी दर्ज करता है। स्थानीय होने के कारण प्राचार्य सहित स्कूल के अन्य शिक्षक चुप्पी साधे रहते हैं। इस गुरु घंटाल की मनमानी से परेशान ग्रामीण जब शिक्षक के पीछे लगे तो इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। अब देखना है इस गुरु घंटाल पर किस तरह की कार्यवाही होती है..?
