जंगलों पर तस्करों की पेनी नजर..ठूठ में तब्दील सागौन के जंगल…
ठूठ में तब्दील सागौन के जंगल,अधिकारियों को हवा नही..कराएंगे जांच.

छ.ग.
वन परिक्षेत्र अधिकारी रामानुजनगर रामचंद्र प्रजापति ने कहा कि मदनपुर के 1888 में आग लगी थी जिसे बुझा दिया गया है।
सूरजपुर – रामानुजनगर ग्राम छिन्दिया के सर्कल नंबर 1780 से 1784 और मदनपुर के सर्कल क्रमांक 1791 वं 1792 में सागौन, सरई के पौधे देखरेख के आभाव में बर्बाद हो रहे हैं। जंगल के हजारों पेड़ सूख चुके हैं, आग लगने से पेड़ों के तने-पत्ते जल गए साथ ही सागौन ठूंठ में तब्दील हों रहे है। जबकि मदनपुर में 3 चौकीदार जंगल की देख रेख करने रखे गए हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी रामानुजनगर रामचंद्र प्रजापति ने कहा कि मदनपुर के 1888 में आग लगी थी जिसे बुझा दिया गया है। चौट छिनदिया 1793 और मदनपुर में सागौन के पेड सूखने की शिकायत आयी है। दोनों सर्किल प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि पेड़ों की गणना करते उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जानी है। पेड़ों के टूठ के बारे में जानकारी नही जाँच कराएंगे। पर्यावरण को संतुलित करने के लिए सरकार द्वारा बड़ी राशि खर्च कर पौधारोपण व वनों के संरक्षण पर किया जा रहा है, लेकिन इन दिनों विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते क्षेत्र में तेजी से वन घट रहे है। जिसके चलते यन माफिया द्वारा अवैध रूप से क्षेत्र के जंगलों में धड़ल्ले से सागौन की लकड़ी के लिए सागौन के विशालकाय पेड़ काट कर, उन पेड़ों से सिल्लियां बना कर राज्य के बाहर ले जाए जा रहे हैं। मदनपुर, छिन्दिया का जंगल इन दिनों लकड़ी माफियाओं के निशाने पर है। जंगल में कहीं भी सागौन की लकड़ी के लिए कटे हुए सागौन के पेड़ों के टूठ आसानी से देखे जा सकते हैं। जंगल मे 80 प्रतिशत सागौन के पौधे सूख चुके हैं और अब उसमें दीमक लगने चालू हो गए। जिससे शासन की लाखों करोड़ों की चपत लग रही है। इतने पेड़ सूखने के बावजूद विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है बस पेड़ों को माफियाओं को काटने के लिए छोड़ दिया गया है। वन विभाग द्वारा जंगल की सुरक्षा के तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर नजारा कुछ और बयां करता है। वहीं जंगल के बीच पहुंची तो पास-पास में ही ठूंठ नजर आ रहे हैं।
जंगल के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि इन दिनों बन माफिया बेस कीमती सागौन के पेड़ों को काट कर ले जा रहे हैं। कार्रवाई नहीं होने से तस्करों के हौसले बुलंद हैं और बेखौफ होकर पेड़ों को काट रहे हैं।
जंगल में लगे आग से सरई पेड़ों के तने,पते ओ सैकड़ो पौधे जल कर नष्ट हो गए। वन विभाग की लापरवाही से दिन ब दिन हरे-भरे खूबसूरत जंगल उजड़ रहे हैं।