भालुओं का आतंक,तेंदूपत्ता तोड़ने गए 2 ग्रामीणों पर भालुओं ने किया हमला…

सरगुजा – अंबिकापुर उदयपुर. वन परिक्षेत्र,के दो अलग-अलग गांव में तेंदूपत्ता तोड़ने गए महिला वं पुरुष पर भालुओं ने किया हमला दोनो हालत गंभीर है जिनका उपचार किये जा रहे है| तो वही वन अमले की समझाइश दी है कि जंगल में अकेले ना जाएं और दिन का उजाला होने पर ही जंगल जाकर तेंदूपत्ता तोड़े| गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता की खरीदी 9 मई से की जाएगी| पहली घटना बुधवार की शाम की है ग्राम झिरमिटी की है शाम को झिरमिटी के अजय ठाकुर के परिवार के लोग तेंदूपत्ता तोड़ कर इकट्ठा कर रहे थे और अजय ठाकुर तेंदूपत्ता को बांधने के लिए बरगद की रस्सी निकाल रहा था उसी दौरान भालू ने उस पर हमला कर दिया जिससे उसके हाथ पैर सिर व कमर को बुरी तरह से नोच डाला जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को तत्काल सीएचसी उदयपुर लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला चिकित्सालय अंबिकापुर रेफर किया गया वहां भी स्थिति ठीक नहीं होने और कमर में गंभीर चोट होने की वजह से रायपुर रिफर किया गया है। दूसरी घटना गुरुवार की सुबह की है फुलमेत पति रति राम 40 वर्ष निवासी ग्राम तुरियाबिरा थाना लुण्ड्रा, हाल मुकाम बासेन थाना उदयपुर में रहने वाली महिला तेंदूपत्ता तोड़ने तड़के पेंड्रामार जंगल में अन्य लोगों के साथ गई थी। तभी भालू ने महिला पर हमला कर दिया अचानक से हुए इस हमले से महिला अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ी| भालू ने उसके हाथ पैर गर्दन व अन्य जगहों पर नाखून से बुरी तरह से वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। भालू के हमले के दौरान महिला अचेत अवस्था में पलटी तब भालू उसे मरा हुआ समझकर छोड़कर चला गया। महिला ने अपने पास रखे मोबाइल फोन से गांव के ही मंगलसाय को फोन कर घटना की सूचना दी । गांव के लोग मौके पर पहुंचे और निजी कंपनी के एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय अंबिकापुर ले जाया गया जहां उसका उपचार जारी है। 24 घंटे में भालू के हमले से दो लोगो जख्मी होने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है तो वही उदयपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी कमलेश राय ने बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए निकल रहे ग्रामीण महिला पुरुष भालू के हमले का शिकार हुए वन अमला द्वारा घायलों के उपचार का समुचित इंतजाम किया जा रहा है। तेंदुपत्ता संग्राहको सहित आम ग्रामीणों को सलाह दी जा रही है मुनादी कराई जा रही है कि शाम के वक्त जंगल की ओर न जाएं अकेले न जाए तेंदूपत्ता तोड़ने सुबह उजाला हो जाने पर ही जाए ताकि वन्य प्राणी अपने-अपने जगह पर चले जाएं ।